प्राथमिक व जूनियर स्कूलों में डेढ़ लाख शिक्षकों की कमी : आरटीई 2009 के मानक के मुताबिक शिक्षकों की कमी से प्रदेश में बड़ी संख्या में विद्यालयों में है तालाबंदी




इलाहाबाद (ब्यूरो)। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में नौकरशाहों, राजनेताओं एवं सरकारी कर्मचारियों के बच्चों को पढ़ाने का हाईकोर्ट ने आदेश दिया है। आदेश के पालन में एक जो बड़ी बाधा है वह है स्कूलों में शिक्षकों की कमी। प्रदेश में प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती पर बने गतिरोध के कारण शिक्षक और छात्रों का अनुपात आरटीई मानक के अनुरूप नहीं है। आरटीई 2009 के अनुसार विद्यालयों में शिक्षकों और छात्रों का अनुपात एक और तीस होना चाहिए, जबकि यह अनुपात एक और 45 का बना हुआ है।

राज्य परियोजना कार्यालय की ओर से जारी रिपोर्ट में आरटीई मानक के लिए लगभग डेढ़ लाख शिक्षकों की कमी बनी है। आरटीई मानक के अनुसार शिक्षकों की बात कौन करे, कुछ विद्यालय तो ऐसे हैं जहां एक शिक्षक के भरोसे सैकड़ों छात्रों का भविष्य जुड़ा है। प्रदेश में बड़ी संख्या में ऐसे विद्यालय हैं जहां शिक्षामित्र ही तैनात हैं, कुछ विद्यालयों में शिक्षक नहीं होने से तालाबंदी है।

प्रदेश में इस समय कुल 1.13 लाख प्राथमिक और 46 हजार जूनियर स्तर के विद्यालय हैं। परिषदीय विद्यालयों में प्राथमिक में 5.33 लाख शिक्षक तथा जूनियर स्तर पर 2.69 लाख शिक्षक तैनात हैं। प्रदेश में आरटीई के मानक के अनुसार प्राथमिक विद्यालयों के 2.60 करोड़ छात्रों के लिए 8.70 लाख शिक्षक होने चाहिए, जबकि तैनात 4.60 लाख ही हैं। जूनियर स्तर के 92 लाख छात्रों के लिए 3.06 लाख शिक्षक चाहिए, जबकि तैनाती 2.69 लाख की ही है। प्रदेश में शिक्षकों की भर्ती के लिए सरकार की ओर से 72825 शिक्षकाें की भर्ती के साथ जूनियर हाईस्कूलों में विद्यालयों में विज्ञान एवं गणित के शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया चल रही है। शिक्षामित्रों के समायोजन के बाद शिक्षकों के मानक में कुछ सुधार होने की संभावना है।

खबर साभार : अमर उजाला

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प्राथमिक व जूनियर स्कूलों में डेढ़ लाख शिक्षकों की कमी : आरटीई 2009 के मानक के मुताबिक शिक्षकों की कमी से प्रदेश में बड़ी संख्या में विद्यालयों में है तालाबंदी Reviewed by Brijesh Shrivastava on 7:00 AM Rating: 5

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