विज्ञान गणित शिक्षकों की भर्ती : तकनीकी डिग्री को मंजूरी, बढ़ेगा विवाद
राज्य
ब्यूरो, इलाहाबाद : डिग्री विवाद ‘मास्साब’ बनने में अब आड़े नहीं आएगा,
लेकिन यह बात यहीं पर खत्म नहीं होती है, बल्कि तकनीकी डिग्री का मुद्दा
दूर तलक जाएगा। विज्ञान-गणित शिक्षकों के लिए हाई कोर्ट के फरमान कान असर
उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग तक दिखने के पूरे आसार हैं। अभ्यर्थी इसी आधार
पर आयोग की घेराबंदी करने के लिए भी हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे, ताकि
पिछले वर्षो में जिन युवाओं को महज तकनीकी डिग्री के कारण ‘साहब’ बनने से
रोका गया।
प्रदेश भर के परिषदीय स्कूलों में विज्ञान शिक्षक बनने के लिए
करीब सात हजार अभ्यर्थियों ने तकनीकी डिग्री यानी बीटेक, एमटेक, बीबीए आदि
के तहत आवेदन किया था। परिषद के आला अफसरों ने बीएससी, एमएससी आदि को
तवज्जो देते हुए इन डिग्रियों को नकार दिया था। ऐसे में अभ्यर्थियों ने हाई
कोर्ट की शरण ली थी, न्यायालय ने न केवल तकनीकी डिग्रियों को विज्ञान
शिक्षक बनने के लिए अर्ह माना, बल्कि सरकार को निर्देश दिया है कि तय
समयसीमा में शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिया। इससे अभ्यर्थियों की
बल्ले-बल्ले है। इस विवाद पर उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग की विभिन्न
परीक्षाओं में तकनीकी डिग्री लगाने वाले युवा नजर गड़ाए थे और हाई कोर्ट के
आदेश के बाद उन्हें भी रास्ता दिखा है।
लोकसेवा आयोग की सहायक कृषि
अधिकारी परीक्षा का लिखित पास करने वाले दर्जनों युवाओं को साक्षात्कार से
इसलिए रोक दिया गया था कि उनके पास एमएससी कृषि के बजाय अन्य तकनीकी डिग्री
हैं। युवाओं का कहना था कि यदि ऐसा था तो उन्हें लिखित परीक्षा में ही
क्यों बैठने दिया गया था। ऐसे ही यूडीए में एमबीए की डिग्री न मानना और
सीडीपीओ के लिए एमए समाजशास्त्र को नकारने जैसे तमाम प्रकरण हैं। परिषदीय
स्कूलों के विज्ञान शिक्षकों ने हाई कोर्ट जाकर अपने को ‘मास्साब’ बनाने की
दावेदारी पुख्ता की है साथ ही ‘साहब’ बनने के दावेदार भी अब उन्हीं की राह
पर आगे बढ़ेंगे। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के अवनीश पांडेय ने कहा है
कि विज्ञान शिक्षकों के प्रकरण को आधार बनाकर आयोग के मामले को भी जल्द ही
कोर्ट में चुनौती दी जाएगी।
विज्ञान गणित शिक्षकों की भर्ती : तकनीकी डिग्री को मंजूरी, बढ़ेगा विवाद
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
9:06 AM
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