खत्म होगी शिक्षा में असमानता, शिक्षकों से लेकर वकीलों तक ने सरकार से इसे लागू करने की मांग, मुख्यमंत्री से भी अपने बच्चों को पढ़ाने का अनुरोध, सोशल मीडिया में शुरू हुआ चिंतन का दौर
- खत्म होगी शिक्षा में असमानता
न्यायालय के वकीलों ने कहा कि नौकरशाहों,
नेताओं, न्यायिक अफसरों के बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा सरकारी स्कूलों में
अनिवार्य करने वाला फैसला शिक्षा के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा।
जिला अधिवक्ता संघ के पूर्व अध्यक्ष एवं समाजवादी नेता विनोद चंद्र दुबे ने
कहा कि डॉ. लोहिया ने जिस शिक्षा व्यवस्था की कल्पना की थी, इस निर्णय से
वही स्वरूप हो जाएगा। उन्होंने सरकार से निर्णय लागू करने की मांग की है।
अध्यक्ष कृष्ण बिहारी तिवारी ने कहा कि इस फैसले को लागू करने से शिक्षा
व्यवस्था में व्याप्त भ्रष्टाचार एवं असमानता खत्म होगी। पूर्व अध्यक्ष
शीतला प्रसाद मिश्र ने भी फैसले को संविधान की भावना के अनुरूप बताते हुए
सरकार से इसे लागू करने की मांग उठाई। पूर्व वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं सपा नेता
सैयद इफ्तेखार हुसैन ने फैसले को तत्काल लागू करने की जरूरत जताई। दीवानी
मामलों के वकील यतींद्र मिश्र व वीरेंद्र राय, आयकर मामलों के वकील जगदीश
त्रिपाठी ने कहा कि जस्टिस सुधीर अग्रवाल का यह फैसला प्रारंभिक शिक्षा की
वह इबारत लिखेगा, जो न सिर्फ शिक्षा के क्षेत्र में व्याप्त अनियमितताएं
समाप्त करेगा बल्कि देश को फिर सीवी रमन, गांधी और कलाम सरीखे रत्न प्रदान
करेगा। यंग लायर्स एसोसिएशन ने भी फैसले का स्वागत किया। अध्यक्षता
वीरेंद्र सिंह व संचालन सुनील पांडेय ने किया। बैठक में अमिताभ दुबे, रेवती
रमण त्रिपाठी, अनिल तिवारी, जेपी तिवारी, अंबिकेश्वर मिश्र आदि ने फैसले
को जल्द लागू करने की मांग की।
- मुख्यमंत्री अपने बच्चों को पढ़ाएं
इलाहाबाद मुख्य संवाददाताताओं और अफसरों के बच्चों को सरकारी स्कूल में
पढ़ाने के आदेश का नेताओं ने स्वागत किया है। सांसद केशव प्रसाद मौर्या ने
कहा कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को अपने बच्चों का दाखिला सरकारी स्कूल में
कराकर इसकी शुरुआत करनी चाहिए। फूलपुर के सांसद केशव प्रसाद मौर्या ने कहा
कि कोर्ट का फैसला सराहनीय है। सपा सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहाकि
प्रदेश में नकल को बढ़ावा दिया और इसीलिए प्रदेश में ऐसे शिक्षकों की भीड़
बढ़ी जो स्कूलों में नहीं पढ़ाते। इस सवाल पर कि आपके बच्चे कहां पढ़ते
हैं? सांसद ने कहा कि ‘हमारे बच्चे तो पढ़ गए, अब कॉलेज की ओर जा रहे हैं
पर सीएम को पहल करनी चाहिए। उनके बच्चे छोटे हैं, मैं उनको चिट्ठी भी
लिखूंगा।’ इसी तरह इलाहाबाद के सांसद श्यामा चरण गुप्ता ने कहा कि कोर्ट ने
यह फैसला करके आम लोगों की तरक्की का रास्ता खोल दिया है। उन्होंने बताया
कि वह मानिकपुर के सरकारी स्कूल में पढ़े पर सरकारी स्कूलों की पढ़ाई ठीक
नहीं होने से निजी स्कूलों का सहारा लिया। उन्होंने कहा कि बुनियादी शिक्षा
के लिए भारी निवेश करना होगा। अफसरों और नेताओं को पहल करनी चाहिए कि
शिक्षा में सुधार आए।
खबर साभार : हिन्दुस्तान
खत्म होगी शिक्षा में असमानता, शिक्षकों से लेकर वकीलों तक ने सरकार से इसे लागू करने की मांग, मुख्यमंत्री से भी अपने बच्चों को पढ़ाने का अनुरोध, सोशल मीडिया में शुरू हुआ चिंतन का दौर
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
9:12 AM
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