यूपीटीईटी 2011 व्हाइटनर प्रकरण : मूल्यांकन करने वाली फर्म और ओएमआर शीट का अता-पता नही, बेसिक शिक्षा सचिव के शपथपत्र से सामने आया सच, मामले की अगली सुनवाई 3 मई को

🔴 माध्यमिक शिक्षा परिषद ने कराई थी प्रदेश की पहली टीईटी

इलाहाबाद : प्रदेश की पहली शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी 2011) की ओएमआर शीट गायब हो गई हैं। ओएमआर शीट का मूल्यांकन करने वाली फर्म का भी अता-पता नहीं है। यह सच बेसिक शिक्षा सचिव के शपथपत्र से सामने आया है। शायद यही वजह है कि टीईटी 2011 की उत्तर पुस्तिकाओं की वाइटनर जांच के कड़े निर्देश देने के बावजूद इस दिशा में कदम नहीं बढ़ाए जा रहे थे और यह प्रकरण ठंडे बस्ते में चला गया है।

माध्यमिक शिक्षा परिषद ने टीईटी 2011 का आयोजन किया था। इस परीक्षा में भ्रष्टाचार समेत कई आरोप लगे। परिणाम जारी होने और बड़े अफसरों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने सारे रिकॉर्ड जब्त कर लिये थे। इसी की जांच में पुलिस को पुख्ता सुबूत हाथ लगे कि परीक्षा में बड़े पैमाने पर वाइटनर का प्रयोग हुआ। यही अभिलेख अभ्यर्थियों ने जनसूचना अधिकार के तहत हासिल किए और उन्हें हाईकोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया। हाईकोर्ट ने आठ अक्टूबर 2015 को बेसिक शिक्षा सचिव को निर्देश दिया कि इस प्रकरण की जांच कर वाइटनर प्रयोग करने वालों की सूची चार महीने में उपलब्ध कराए, साथ ही ऐसा करने वालों पर कार्रवाई भी की जाए।

माध्यमिक शिक्षा परिषद के सचिव की ओर से शासन को पत्र भेजकर स्पष्ट किया गया है कि परिषद इस मामले की जांच नहीं कर सकता, क्योंकि टीईटी 2011 के अंकपत्र की सीडी बहुत मुश्किल से फरवरी 2015 में मिल सकी। सारे रिकॉर्ड कानपुर के अकबरपुर थाने में जब्त हैं। जब कोई अभिलेख ही नहीं है तो आखिर जांच कैसे हो सकती है। इस जवाब के बाद शासन ने गृह विभाग के जरिए छानबीन कराई तो चौंकाने वाले मामले सामने आए।

टीईटी 2011 की पांच लाख 96 हजार ओएमआर शीट का पुनमरूल्यांकन का अनुपालन न होने पर हाईकोर्ट ने बेसिक शिक्षा सचिव आशीष कुमार गोयल को तलब किया। सचिव ने छह अप्रैल को शपथपत्र दाखिल किया है कि टीईटी 2011 कराने वाली संस्था माध्यमिक शिक्षा परिषद के पास कोई रिकार्ड मौजूद नहीं है। पांच लाख 96 हजार 733 उत्तरपुस्तिकाओं में से सिर्फ 3114 ओएमआर शीट ही थाना अकबरपुर कानपुर देहात पुलिस के पास जमा हैं। इनमें 74 ओएमआर शीट में वाइटनर लगा है। ओएमआर शीट का मूल्यांकन करने वाली फर्म एसके प्रिंटेक डाटा क्रिएटिव सॉल्यूशन, नई दिल्ली के पास पांच लाख 93 हजार उत्तरपुस्तिकाएं थीं, किंतु उक्त फर्म अब पते पर नहीं पाई गई। सचिव ने स्पष्ट किया कि फर्म का अता-पता नहीं हैं और न ही उनसे संपर्क हो सकने की स्थिति है। न्यायमूर्ति मनोज मिश्र ने अधिवक्ता अनिल सिंह बिसेन व अग्निहोत्रि कुमार त्रिपाठी की दलीलें सुनने के बाद शपथपत्र पर नाराजगी जताई थी। अब इस मामले की सुनवाई तीन मई को होगी।

यूपीटीईटी 2011 व्हाइटनर प्रकरण : मूल्यांकन करने वाली फर्म और ओएमआर शीट का अता-पता नही, बेसिक शिक्षा सचिव के शपथपत्र से सामने आया सच, मामले की अगली सुनवाई 3 मई को Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी on 5:21 AM Rating: 5

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