सरकारी शिक्षा व्यवस्था पर अखिलेश की पीड़ा, करोड़ों खर्च करने के बाद भी सरकार नहीं दे पा रही बेहतर शिक्षा, इशारों इशारों में शिक्षामित्रों पर साधा निशाना
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का कहना है कि सरकार हर साल शिक्षा पर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है लेकिन वैसी ‘क्वालिटी एजुकेशन’ नहीं दे पा रहे हैं, जिसकी सरकार से उम्मीद होती है। बेहतर शिक्षा की जो जिम्मेदारी सरकार की है उसे प्राइवेट संस्थाएं निभा रही हैं।
मुख्यमंत्री रविवार को सुशांत गोल्फ सिटीमें सेठ आनंदराम जयपुरिया स्कूल के उद्घाटन समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। इसतरह अपनी ही व्यवस्था में कमियां गिनाने को विशेषज्ञ सीएम का चुनावी स्टंट भी मान रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षा जगत में हर रोज इनोवेशन व तकनीक के चलते बदलाव आ रहे हैं, ऐसे में संस्थाओं को उस बदलाव के अनुरूप ढलना बहुत जरूरी है। यह काम प्राइवेट संस्थाओं में तो हो रहा है लेकिन सरकारी स्कूल इस लायक नहीं कि वहां के बच्चे दुनिया का मुकाबला कर सकें और उन्हें इस काबिल बनाना हमारी ही जिम्मेदारी है।
शिक्षकों और शिक्षामित्रों पर निशाना
प्राइमरी स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों व शिक्षामित्रों पर भी उन्होंनेनिशाना साधा। सीएम ने कहा कि शिक्षामित्र अपने अधिकार तो मांग रहे हैं लेकिन स्कूलों की शिक्षा का आलम यह है कि वे भी अपने बच्चे प्राइवेट स्कूलों में ही भेजते हैं।
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