अगले सत्र से नए बीएड और बीटीसी कॉलेज नहीं खुलेंगे, एनसीटीई ने 2017-18 के आवेदनों पर यह  लगाई रोक, फिर भी बढ़ जाएंगी लाखों सीटें

लखनऊ: अगले सत्र से नए बीएड और बीटीसी कॉलेज नहीं खुलेंगे। एक ही कैंपस में अतिरिक्त सीटों की मान्यता भी नहीं मिलेगी। एनसीटीई ने 2017-18 के आवेदनों पर यह रोक लगाई है। लगातार हो रही भरमार और पाठ्यक्रमों से छात्रों का मोह भंग होने के बाद यह रोक लगाई गई है। 

यूपी में इस समय बीएड की करीब डेढ़ लाख और बीटीसी की 48 हजार सीटें हैं। हर साल कई सीटें खाली रह जाती हैं। इसके बावजूद कॉलेजों की संख्या बढ़ती जा रही है। नौकरी न मिलने से युवाओं का मोहभंग होता जा रहा है। बंद हो चुके इंजीनियरिंग कॉलेज और मैनेजमेंट कॉलेज में 100-100 सीट की क्षमता वाले चार-पांच बीएड और बीटीसी कॉलेज खोल दिए जाते हैं। पश्चिमी यूपी में कई जगह एक ही कैंपस में सात-सात बीएड और बीटीसी कॉलेज चल रहे हैं। एनसीटीई ने एक कमिटी बनाकर सभी राज्यों का अध्ययन कराया कि कहां नए कॉलेजों की जरूरत है और  कहां नहीं। 

एनसीटीई ने यह रोक 2017-18 से लगाई है। रोक का आदेश मेम्बर सेक्रेटरी ने जारी कर दिया है। लेकिन उससे पहले 2015-16 के लिए ही चार हजार से ज्यादा बीटीसी कॉलेजों के आवेदन आ चुके हैं। इनको ही मान्यता मिल गई तो सीटें चार लाख से ज्यादा हो जाएंगीं।

कमिटी ने 'मांग और आपूर्ति' का हवाला देते हुए रिपोर्ट दी है कि कई राज्यों में नए कॉलेजों की जरूरत नहीं है। इस रिपोर्ट के आधार पर एनसीटीई ने पहले से चल रहे कॉलेजों में अतिरिक्त सीटों की मान्यता पर रोक लगा दी है। अल्पसंख्यक संसथानों और राज्य एवं केंद्रीय विश्वविद्यालयों को इस रोक से अलग रखा है। 

मान्यता पर रोक तो ठीक है लेकिन काउंसलिंग पैटर्न को भी दुरुस्त करना होगा। सरकार ऐसा नहीं कर सकती तो अल्पसंख्यक कॉलेजों की तरह सभी को सीधे एडमिशन का अधिकार दे दे।  -विनय त्रिवेदी, प्रदेश अध्यक्ष स्ववित्तपोषित महाविद्यालय असोसिएशन

अगले सत्र से नए बीएड और बीटीसी कॉलेज नहीं खुलेंगे, एनसीटीई ने 2017-18 के आवेदनों पर यह  लगाई रोक, फिर भी बढ़ जाएंगी लाखों सीटें Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी on 7:17 AM Rating: 5

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