हर बीएसए दफ्तर में लगेगा RTE के अधीन निजी विद्यालयों में प्रवेश हेतु स्पेशल काउंटर, एडमिशन की सुस्त चाल देख विभाग ने दिया कई जिलों के बीएसए को दिया एडमिशन का टारगेट
लखनऊ : सत्र शुरू हो गया है लेकिन अब तक राइट टू एजुकेशन के तहत एक भी एडमिशन नहीं हुआ है। आरटीई एडमिशन प्रक्रिया की सुस्त गति को देखते हुए शासन भी हरकत में आ गया है। सचिव बेसिक शिक्षा आशीष गोयल ने लखनऊ बीएसए प्रवीण मणि त्रिपाठी को आरटीई एडमिशन के लिए टार्गेट दे दिया है। इसके तहत उन्हें इस सत्र में आरटीई के 1 हजार एडमिशन करने हैं। यह टार्गेट विभाग को हर हाल में पूरा करना है।
बीएसए प्रवीण मणि त्रिपाठी ने बताया कि हमने आरटीई एडमिशन की प्रक्रिया तेज कर दी है। इस प्रक्रिया से जुड़े कर्मचारियों को आवेदन करने वाले बच्चों की जांच का सूची फाइनल करने को कहा गया है। उन्होंने बताया कि बीस बच्चों की सूची जारी हुई है। अगले सप्ताह में हम अगली सूची भी जारी करेंगे।
इस बार आरटीई एडमिशन की गति पिछले साल से भी धीमी है। गत वर्ष 15 अप्रैल तक कई पात्र बच्चों की सूची जारी हो गई थी। कई नोटिस देने के बावजूद सीएमएस ने एडमिशन से इनकार कर दिया था। इस पर अभिभावकों ने सीएमएस इंदिरानगर के सामने धरना भी दिया था। इसके बाद कोर्ट ने आदेश दिया तब जाकर सीएमएस ने बच्चों का एडमिशन लिया।
👉 लखनऊ बीएसए को मिला 1 हजार आरटीई एडमिशन कराने का लक्ष्य
👉 बेसिक शिक्षा सचिव आशीष गोयल ने दिया लक्ष्य
बेसिक शिक्षा विभाग में अब राइट टू एजुकेशन के दाखिलों के लिए स्पेशल काउंटर लगाया जाएगा। इसकी शुरुआत सोमवार से की जाएगी, जिस पर अभिभावकों को आरटीई से जुड़ी सभी जानकारियां मिलेंगी। साथ ही उन्हें एडमिशन फॉर्म भी इसी काउंटर पर मिल जाएगा। एनबीटी में शनिवार को प्रकाशित खबर 'अब तक आरटीई के तहत एक भी दाखिला नहीं' का संज्ञान लेते हुए विभाग ने यह स्पेशल काउंटर खोलने का निर्णय लिया।
विभाग में आरटीई के दाखिलों की जानकारी व फॉर्म देने की जिम्मेदारी एक महिला कर्मचारी की है। स्वास्थ्य ठीक न होने के कारण वह छुट्टी पर चल रहीं है। ऐसे में कई दिनों से अभिभावकों को लौटना पड़ रहा था। अभियान में विभाग के साथ ही एनजीओ भारत अभ्योदय फाउंडेशन के सदस्य भी जुटेंगे। एनजीओ के वालेंटियर विभाग में आने वाले लोगों को पूरे प्रॉसेस की जानकारी देंगे।
बीएसए प्रवीण मणि त्रिपाठी ने बताया कि शिक्षा विभाग में आरटीई के तहत आवेदन करने वाले लोगों को पेपर वर्क कम्प्लीट करने में पूरी मदद की जाएगी। इसके लिए एक अलग काउंटर बना दिया गया है। जिस पर आवेदकों की सभी समस्याओं का समाधान कर उनके बच्चों को एडमिशन दिलाने में मदद की जाएगी।
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