टीईटी 2011 : 72825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती पूरी नहीं हुई और प्रमाणपत्र की वैधता खत्म होने को, अभ्यर्थियों की बढ़ी चिंता, आखिरी बार मिला था 2011 में बीएडधारकों को मौका
भर्ती पूरी नहीं हुई और प्रमाणपत्र की वैधता खत्म होने को है। नवम्बर 2016 में इसकी वैधता खत्म हो जाएगी और 72,825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती अभी तक पूरी नहीं हो पाई है। अभ्यर्थी परेशान इसलिए भी हैं क्योंकि टीईटी 2011 में बीएड धारकों को प्राइमरी स्तर पर परीक्षा देने का आखिरी मौका दिया गया था।
टीईटी का प्रमाणपत्र केवल 5 साल के लिए वैध होता है। हालांकि टीईटी 2011 के ज्यादातर अभ्यर्थियों ने 2015 के टीईटी में भी परीक्षा दी थी लेकिन इस बार उन्हें केवल जूनियर स्तर पर ही मौका दिया गया। टीईटी 2011 में प्राइमरी स्तर पर पास होने वाले लगभग 5 लाख अभ्यर्थी परेशान हैं और मांग कर रहे हैं कि उनके प्रमाणपत्र की वैधता बढ़ाई जाए और आगे होने वाली नियुक्तियों में टीईटी 2011 को आरक्षण दिया जाए। वहीं 72,825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती जल्द से जल्द पूर की जाए। इस भर्ती में लगभग 14 हजार पद अब भी रिक्त हैं।
आखिरी बार मिला था 2011 में बीएडधारकों को मौका-
शिक्षा का अधिकार कानून(आरटीई एक्ट) के बाद प्राइमरी स्तर पर केवल प्रारम्भिक शिक्षा में दो वर्षीय डिप्लोमा रखने वाले अभ्यर्थी ही पढ़ा सकते हैं। यूपी में पहली बार टीईटी 2011 में कराया गया। चूंकि यहां ज्यादा संख्या में शिक्षकों की रिक्तियां थीं लिहाजा यूपी ने राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद से प्राइमरी स्तर यानी कक्षा 1-5 तक पढ़ाने के लिए शिक्षकों के पद बीएडधारकों से भरने की विशेष अनुमति ली थी। इसी के तहत 72,825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती शुरू की गई थी और टीईटी 2011 में आखिरी बार बीएडधारकों को मौका दिया गया था।
इनसेट—टीईटी 2011 वाले अपने आंदोलनों को करेंगे उग्र टीईटी 2011 की परीक्षा विवादों के घेरे में रही। 72 हजार भर्ती पूरी नहीं हो पाई है और मामला सुप्रीम कोर्ट में है। हाईकोर्ट में अब भी ओएमआर शीट पर सफेदा लगाने का मामला चल रहा है। ऐसे में टीईटी 2011 के वे सफल अभ्यर्थी खासे परेशान हैं जिनका चयन अभी तक कहीं नहीं हुआ है। 14 अप्रैल से राजधानी में वे प्रदर्शन कर सरकार पर दबाव बनाएंगे।
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