निदेशक के साथ बैठक के दूसरे दिन भी कोई नीतिगत निर्णय नहीं, शिक्षा मित्रों के समायोजन के लिए जितने भी पद खाली हो सकते हैं उस कर लिया जाए जिससे अधिक से अधिक समायोजन हो सके

  • बीएसए ने रोया पदों की कमी का रोना
  • बोले, पदोन्नति के लिए भी कम पड़ रहे शिक्षकों के पद
  • शिक्षामित्रों के समायोजन की अवधि बढ़ाने की मांग की
  • शिक्षा मित्रों के समायोजन के लिए जल्द होंगी पदोन्नतियां
लखनऊ (ब्यूरो)। बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि दूसरे चरण के 91,104 शिक्षा मित्रों को सहायक अध्यापक पद पर समायोजित करने के लिए प्राइमरी स्कूलों में पदोन्नति की प्रक्रिया जल्द पूरी की जाएगी। उन्हें यह भी निर्देश दिया गया कि 72,825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती प्रक्रिया की पूरी सूचना सोमवार तक हरहाल में राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद को उपलब्ध करा दिया जाए। बेसिक शिक्षा निदेशालय में शुक्रवार को हुई बैठक में 18 मंडलों के बीएसए शामिल हुए। अधिकतर जिलों के बीएसए ने बताया कि प्राइमरी स्कूलों में सहायक अध्यापक के रिक्त पदों की अपेक्षा शिक्षा मित्रों की संख्या काफी है। पदोन्नति प्रक्रिया पूरी करने के बाद भी कोई खास फर्क नहीं पड़ने वाला है। बीएसए को निर्देश दिया गया कि शिक्षा मित्रों के समायोजन के लिए जितने भी पद खाली हो सकते हैं उस कर लिया जाए जिससे अधिक से अधिक समायोजित किए जा सकें। 
  • शिक्षामित्रों का समायोजन जल्द करने का निर्देश

लखनऊ : शिक्षामित्रों के दूसरे बैच के समायोजन को लेकर शुक्रवार को बेसिक शिक्षा निदेशक कार्यालय में दूसरे दिन भी बैठक हुई जिसमें प्रदेश के बचे हुए नौ मंडलों के 35 जिलों के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों (बीएसए) ने हिस्सा लिया। सभी बीएसए को निर्देश दिये गए कि तीन साल की सेवा पूरी कर चुके सहायक अध्यापकों की पदोन्नति कर रिक्त पदों पर शिक्षामित्रों को समायोजित किया जाए। बैठक में बरेली, देवीपाटन, बस्ती, अलीगढ़, आगरा, फैजाबाद, आजमगढ़, चित्रकूट और इलाहाबाद मंडलों के जिलों के बीएसए शामिल हुए। कई जिलों के बीएसए ने पदों की कमी के कारण शिक्षामित्रों के समायोजन में दिक्कत बतायी। 

खबर साभार : दैनिक जागरण

शिक्षामित्रों के समायोजन पर मांगा गया ब्योरा

राज्य मुख्यालय। पूर्वाचल के जिलों में रिक्तियां ज्यादा हैं जबकि लखनऊ, गाजियाबाद समेत बड़े शहरों में रिक्तियां कम। लिहाजा इन जिलों में शिक्षामित्रों के समायोजन को लेकर ज्यादा दिक्कत आ रही है। शुक्रवार को हुई बैठक में बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने ये तथ्य सामने रख कर समाधान मांगा।

लगभग 91 हजार शिक्षामित्रों को दूसरे बैच में सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित किया जाना है। बेसिक शिक्षा निदेशालय में हुई बैठक में बीएसए को निर्देश दिए गए कि हर जिला अपने यहां की रिक्तियों, समायोजित और बच रहे शिक्षामित्रों की संख्या और पदोन्नत के बाद रिक्त हो रहे पदों की संख्या का ब्यौरा जल्द निदेशालय भेजें।

पहले इस पर सहमति बन गई थी कि अतिरिक्त हो रहे शिक्षामित्रों को उन जिलों में पोस्टिंग दे दी जाए जहां रिक्तियां ज्यादा हैं पर ऐसा करने में दिक्कत आएगी क्योंकि शिक्षक जिला काडर का पद है और एक जिले से दूसरे जिले में तबादला मुख्यमंत्री स्तर से होता है।
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कल की न्यूज़ !
शिक्षामित्रों के दूसरे बैच के समायोजन में आ रहीं दिक्कतों को दूर करने के लिए गुरुवार को बेसिक शिक्षा निदेशक कार्यालय में बुलायी गई बैठक में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों (बीएसए) ने शिक्षकों के पदों की कमी का रोना रोया। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों का कहना था कि जब शिक्षकों की पदोन्नति के लिए भी पद कम पड़ रहे हैं तो सहायक अध्यापकों प्रोन्नति कैसे की जाए।

दूरस्थ शिक्षा के जरिये बीटीसी प्रशिक्षण उत्तीर्ण करने वाले दूसरे बैच के तकरीबन 87000 शिक्षामित्रों का प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक पद पर समायोजन किया जाना है। निदेशक बेसिक शिक्षा डीबी शर्मा की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में मेरठ, सहारनपुर, वाराणसी, मीरजापुर, लखनऊ, गोरखपुर, झांसी, मुरादाबाद और कानपुर मंडलों के 40 जिलों के बीएसए शामिल हुए। गाजीपुर, लखीमपुर खीरी, उन्नाव, वाराणसी, कानपुर नगर, मीरजापुर, हरदोई, चंदौली, कुशीनगर, सीतापुर, भदोही, कन्नौज, सोनभद्र, मेरठ, गौतम बुद्ध नगर और झांसी के बीएसए ने कहा कि शिक्षामित्रों का समायोजन करने पर जिले में प्राथमिक शिक्षकों के सृजित पद कम पड़ जाएंगे।

सभी बीएसए का कहना था कि पिछले साल जब पहले बैच के 58 हजार शिक्षामित्रों का समायोजन किया गया तो नगर क्षेत्र के शिक्षामित्रों को ग्रामीण क्षेत्रों में तैनाती दे दी गई। इससे नगर क्षेत्र में शिक्षकों के पद खाली हो गए जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षकों के पद भर गए। उनका कहना था कि दूसरे बैच के समायोजन में नगरीय इलाकों के शिक्षामित्रों को नगर और ग्रामीण क्षेत्रों के शिक्षामित्रों को देहात में ही तैनाती दी जाए। वहीं पहले बैच में ग्रामीण क्षेत्रों में समायोजित किए गए नगर क्षेत्र के शिक्षामित्रों को वापस नगर क्षेत्र में तैनाती दे दी जाए। इससे नगर क्षेत्र में शिक्षकों की कमी पूरी होगी और ग्रामीण क्षेत्रों में समायोजन के लिए पद मिल सकेंगे। 

बेसिक शिक्षा निदेशक ने जब नये निर्देशों के तहत तीन साल की सेवा पूरी करने वाले शिक्षकों को पदोन्नत करने के लिए कहा तो कई बीएसए ने बताया कि पदोन्नति तो पद के सापेक्ष होती है लेकिन जब पद ही नहीं रिक्त हैं तो पदोन्नति कैसे करें। बहरहाल निदेशक ने उन्हें 30 अप्रैल तक हर हाल में शिक्षकों की पदोन्नति करने का निर्देश दिया। ज्यादातर बीएसए का कहना था कि 30 अप्रैल तक तय समयावधि में शिक्षामित्रों के दूसरे बैच का समायोजन कर पाना संभव नहीं है। उन्होंने समायोजन के लिए समयावधि को बढ़ाने की मांग की। इस पर निदेशक ने कहा कि इस बारे में शासन से विचार विमर्श कर फैसला किया जाएगा।


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निदेशक के साथ बैठक के दूसरे दिन भी कोई नीतिगत निर्णय नहीं, शिक्षा मित्रों के समायोजन के लिए जितने भी पद खाली हो सकते हैं उस कर लिया जाए जिससे अधिक से अधिक समायोजन हो सके Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी on 5:00 AM Rating: 5

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