गरीब बच्चों को तोहफा, एक अप्रैल से मॉडल स्कूल का सत्र शुरू करने की तैयारी

  •  मॉडल स्कूलों में कक्षा 6 से 8 तक पढ़ाई फ्री 
  • कक्षा 9 में प्रवेश परीक्षा के आधार पर एडमीशन देने की तैयारी  
  • दूसरे निजी विद्यालयों से होगी टक्कर 
  • पूर्व कमिश्नर व पूर्व चेयरमैन को दी गई जिम्मेदारी   

सीबीएसई बोर्ड से संचालित होने वाले मॉडल स्कूलों के खुलने से उन अभिभावकों को काफी हद तक अवैध फीस वसूली से निजात मिलेगी जो मजबूरीवश अधिक फीस देकर अपने बच्चों को निजी विालयों में पढ़वा रहे हैं। हालांकि शुरुआती दौर में मॉडल स्कूलों के लिए निजी विद्यालयों के सामने खड़े होना चुनौती भरा होगा। 

केंद्रीय विद्यालयों की तर्ज पर खुलने वाले इन मॉडल स्कूलों में कक्षा 9 से 12 तक फीस क्या होगी, शिक्षकों का चयन किस आधार पर किया जाएगा? इन सब पर प्रस्ताव तैयार करने की जिम्मेदारी केंद्रीय विद्यालय संगठन के पूर्व कमिश्नर तथा सीबीएसई के पूर्व चेयरमैन अशोक गांगुली को सौंपी गई है। एक अधिकारी के मुताबिक इन मुद्दों पर लगभग काम पूरा हो चुका है। जल्द ही अगली बैठक में इस पर निर्णय लेकर अंतिम रूप दिया जाएगा।

मॉडल स्कूल खुलने से गरीब बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सकेगी। साथ ही अवैध फीस वसूली वाले निजी विालयों पर भी नकेल कसेगी। अभिभावक पिछले काफी समय से अवैध फीस वसूली से परेशान हैं, अब सरकार उन्हें कम फीस पर अच्छी शिक्षा देने की तैयारी कर रही है, जो काफी अच्छा है।  पीके श्रीवास्तव, अध्यक्ष, पैरेंट्स टीचर एसोसिएशनअखिल सक्सेना   

केंद्रीय विद्यालयों की तर्ज पर पिछड़े ब्लॉकों में खुलने वाले मॉडल स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई निशुल्क होगी। उनसे किसी भी तरह की फीस नहीं ली जाएगी। यही नहीं, पहले साल की शुरुआत में कक्षा 6 से 8 तथा कक्षा 9 में ही एडमीशन की प्रक्रिया शुरू किए जाने की तैयारी की जा रही है। कक्षा 9 में जो भी फीस ली जाएगी वो अन्य निजी स्कूलों की अपेक्षा काफी कम होगी। जल्द ही फीस पर अंतिम फैसला लिया जाएगा। 

पिछड़े विकास खंडों में रहने वाले बच्चों को भी अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों की तर्ज पर शिक्षा देने के उद्देश्य से केंद्र पुरोनिधानित योजना के तहत वर्ष 2010-11 में पहले चरण में 193 मॉडल स्कूलों को मंजूरी दी गई थी। मौजूदा समय में राजधानी के मोहनलालगंज में दो तथा काकोरी ब्लॉक में एक मॉडल स्कूलों के साथ-साथ प्रदेश के अन्य ब्लॉकों में मॉडल स्कूलों का निर्माण कार्य किया जा रहा है। अब मुख्यमंत्री ने शैक्षिक रूप से पिछड़े 680 ब्लॉकों में मॉडल स्कूलों को स्थापित करने की कैबिनेट से मंजूरी दे दी है। चूंकि राज्य सरकार इस बार शैक्षिक सत्र 1 अप्रैल से शुरू करने की तैयारी है। इसलिए मॉडल स्कूलों के निर्माण कार्य में तेजी लाने में अफसर जुट गए हैं।

राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान से जुड़े अफसरों के मुताबिक पहले चरण के 193 मॉडल स्कूलों में से करीब 183 स्कूलों का संचालन शुरू हो जाएगा। मौजूदा समय में निशुल्क शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू है, इसलिए कक्षा 6 से 8 तक मॉडल स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों से कोई फीस नहीं ली जाएगी। इसके अलावा पहली बार शुरू होने वाले मॉडल स्कूलों में कक्षा 6, 7, 8 व 9 में ही प्रवेश लिए जाने की तैयारी चल रही है। उसमें भी कक्षा 9 में दाखिले प्रवेश परीक्षा पर कराए जाने पर विचार किया जा रहा है। मॉडल स्कूलों में केंद्रीय विालयों की तरह पढ़ाई के साथ-साथ अन्य सुविधाएं भी मुहैया कराई जाएंगी।



खबर साभार :   डेली न्यूज एक्टिविस्ट

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गरीब बच्चों को तोहफा, एक अप्रैल से मॉडल स्कूल का सत्र शुरू करने की तैयारी Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी on 8:57 AM Rating: 5

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