रुपयों की जरूरत, पैसों में बढ़ोतरी : मिड डे मील के लिए सरकार ने बढ़ाए 25 और 27 पैसे
बुधवार को दूध और कोफ्ते ने उड़ाई शिक्षकों की नींद
- व्यावहारिक स्थिति पर चर्चा करने को तैयार नहीं अफसर
जागरण
संवाददाता, मैनपुरी: स्कूली बच्चों पर मेहरबान हुई सरकार। पहले बुधवार के
दिन दूध और कोफ्ते की व्यवस्था कराई। परेशान शिक्षकों पर मेहरबानी कर
कन्वर्जन कॉस्ट प्राइमरी और जूनियर के लिए क्रमश: 25 और 27 पैसे बढ़ाई गई।
रुपयों की जरूरत पर पैसों की बढ़ोतरी से शिक्षक फिर परेशान है। सवाल यह कि
इतने पैसों में सरकार की मंशा पूरी कैसे होगी?
शासन ने परिषदीय स्कूलों में मिड-डे मील की व्यवस्था है। इसके लिए खाद्यान्न की व्यवस्था सरकार द्वारा की जाती है। शेष जरुरत के लिए प्रति बच्चे कन्वर्जन कॉस्ट दी जाती है। बढ़ी हुई कॉस्ट के तहत प्राइमरी स्कूलों के लिए प्रति छात्र 3.59 रुपये की बजाय 3.77 रुपये हो गए हैं। जबकि जूनियर स्कूलों के लिए प्रति छात्र 5.38 रुपये से बढ़ाकर 5.65 रुपये उपलब्ध कराए जाएंगे। शासन का मानना है कि कनवर्जन कॉस्ट में इस बढ़ोतरी से स्कूलों में भोजन की गुणवत्ता में सुधार आएगा। शिक्षक कहते हैं कि कनवर्जन कॉस्ट इतनी कम है कि बच्चे को बेहतर खाना दिया ही नहीं जा सकता।
प्राथमिक शिक्षक संघ के महामंत्री महेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि बढ़ी हुई कनवर्जन कॉस्ट ऊंट के मुंह में जीरा है। अब शिक्षक इसका विरोध करेंगे।
शासन ने परिषदीय स्कूलों में मिड-डे मील की व्यवस्था है। इसके लिए खाद्यान्न की व्यवस्था सरकार द्वारा की जाती है। शेष जरुरत के लिए प्रति बच्चे कन्वर्जन कॉस्ट दी जाती है। बढ़ी हुई कॉस्ट के तहत प्राइमरी स्कूलों के लिए प्रति छात्र 3.59 रुपये की बजाय 3.77 रुपये हो गए हैं। जबकि जूनियर स्कूलों के लिए प्रति छात्र 5.38 रुपये से बढ़ाकर 5.65 रुपये उपलब्ध कराए जाएंगे। शासन का मानना है कि कनवर्जन कॉस्ट में इस बढ़ोतरी से स्कूलों में भोजन की गुणवत्ता में सुधार आएगा। शिक्षक कहते हैं कि कनवर्जन कॉस्ट इतनी कम है कि बच्चे को बेहतर खाना दिया ही नहीं जा सकता।
प्राथमिक शिक्षक संघ के महामंत्री महेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि बढ़ी हुई कनवर्जन कॉस्ट ऊंट के मुंह में जीरा है। अब शिक्षक इसका विरोध करेंगे।
- बुधवार को 100 बच्चों का खर्चा 1200
बुधवार मेन्यू में बदलाव के बाद शासन खर्च के
बारे में नहीं सोचा, लेकिन शिक्षकों ने इसका पूरा हिसाब-किताब जोड़ लिया
है। प्राइमरी के 100 बच्चों के लिए कनवर्जन कॉस्ट 3.59 रुपये मिलती है, जबकि
खर्चा 1200 से ज्यादा का है।
1100 बच्चों के लिए 20 लीटर दूध :
800
कोफ्ते के लिए दो किलो बेसन : 160
लौकी कम से कम चार किलो : 120
रिफाइंड या तेल एक किलो : 100
मसाले : 50
कुल : 1230
(आंकड़े कम से कम अनुमानित लागत के आधार पर)
‘शासन की मंशा
के अनुरूप बच्चों को भोजन खिलाने की व्यवस्था की गई है। सभी
प्रधानाध्यापकों को निर्देश दिए जा चुके हैं कि वे बच्चों को गुणवत्ता
पूर्ण भोजन उपलब्ध कराएं। शिक्षकों की समस्या से आला अधिकारियों को भी अवगत
कराया जा चुका है।’
- हरिकेश यादव
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी।
रुपयों की जरूरत, पैसों में बढ़ोतरी : मिड डे मील के लिए सरकार ने बढ़ाए 25 और 27 पैसे
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
8:23 PM
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