फिर कैसे बीमार हुए 70 बच्चे? लखनऊ में 70 बच्चों के बीमार होने का मामला, जांच रिपोर्ट में दूध के नमूनों को क्लीन चिट व तहरी में भी मिलावट नहीं, अक्षय पात्र और पराग को नोटिस जारी


  • फिर कैसे बीमार हुए 70 बच्चे?  
  • सदर प्राथमिक विद्यालयों में 70 बच्चों के बीमार होने का मामला 
  • जांच रिपोर्ट में दूध के नमूनों को क्लीन चिट व तहरी में भी मिलावट नहीं,
  • अक्षय पात्र और पराग को नोटिस भेजा गया

जागरण संवाददाता, लखनऊ : सदर छावनी परिषद के प्राथमिक विद्यालय में 70 बच्चों के बीमार होने का रहस्य और गहरा गया है। मिड डे मील के तहत वितरित किए गए दूध और तहरी के नमूनों को लैब रिपोर्ट में क्लीन चिट मिलने के बाद अब सबसे बड़ा सवाल है कि आखिर बच्चे बीमार कैसे हुए। 

गत 29 जुलाई को सदर में मिड डे मील का दूध पीने के बाद अचानक बच्चों के बीमार होने का सिलसिला शुरू हो गया था। एफएसडीए ने मौके से जांच के लिए तहरी और दूध के नमूने लिए थे और जांच के लिए मेरठ स्थित जनविशलेषण प्रयोगशाला भेजे गए थे। मंगलवार को इसकी जांच रिपोर्ट प्रशासन को मिल गई। जांच कर रहे सिटी मजिस्ट्रेट शत्रुघ्न वैश्य का कहना है कि दूध की रिपोर्ट में ऐसे किसी पदार्थ के मिले होने की पुष्टि नहीं हुई, जिसको पीने से सेहत को खतरा हो। रिपोर्ट सब स्टैंडर्ड मिली है और पराग और अक्षय पात्र को नोटिस भेजकर जवाब मांगा जा रहा है। 

तहरी की रिपोर्ट भी कुछ यही इशारा कर रही है। वहीं दोनों रिपोर्ट मिलने के बाद अब जांच आगे बढ़ाने को लेकर अफसरों को राह नही सूझ रही है। अब तक जांच रिपोर्ट का दारोमदार लैब रिपोर्ट पर निर्भर था, लेकिन अब पहेली कैसे सुलङोगी यह बड़ा सवाल है। वहीं रिपोर्ट मिलने के बाद जिलाधिकारी राजशेखर ने सिटी मजिस्ट्रेट को जांच करने के लिए एक सप्ताह का समय और दिया है। जिलाधिकारी के मुताबिक दूध में किसी हानिकारक तत्व की पुष्टि नहीं हुई लिहाजा बच्चे कैसे बीमार हुए यह सवाल सामने खड़ा है। सिटी मजिस्ट्रेट को अब वितरण व्यवस्था की और छानबीन करने के निर्देश दिए हैं ताकि अगर उसमें कोई चूक हुई तो उसका पता लगाया जा सके और भविष्य में एहतियात बरती जा सके।

साभार : जागरण 

  • डीएम ने पराग और अक्षय पात्र को भेजी नोटिस
  • जांच में मिड-डे-मील में बच्चों को दिए गए दूध का नमूना हुआ था फेल

मिड-डे-मील के तहत कैंट स्थित मा. वि. आरए बाजार के बच्चों को दिए गए पराग के फ्लेवर्ड मिल्क का नमूना फेल होने के बाद जिलाधिकारी राज शेखर ने बुधवार को पराग के जीएम और अक्षय पात्र को नाटिस भेज दी है। सात दिनों जवाब देने को कहा गया है। साथ ही ये भी पूछा गया है कि बच्चे बीमार कैसे हुए और इसका जिम्मेदार कौन है। जिलाधिकारी राज शेखर ने बताया कि सिटी मजिस्ट्रेट शत्रोहन वैश्य ने भी मजिस्ट्रीयल जांच पूरी कर ली है। अक्षय पात्र और पराग का जवाब मिलने के बाद पूरी रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। लैब से आई जांच रिपोर्ट में तहरी का नमूना पास मिला है। 

लेकिन पराग के फ्लेवर्ड मिल्क में फैट की मात्रा काफी कम मिली है। इसके अलावा पैकजिंग एक्ट के तहत तमाम गड़बड़ियां मिली हैं। मसलन पैकेट में नहीं बताया गया है कि दूध गाय का था कि भैस का। साथ तारीखें भी कैपिटल लेटर में न लिखकर स्माल लेटर में लिखी गई हैं। 29 जुलाई को कैंट स्थित माध्यमिक विद्यालय आरए बाजार में मिड-डे-मील में दिया गया दूध बच्चों के लिए जहर साबित हुआ था। दूध पीने के कुछ देर बाद बच्चों के उल्टी, पेट दर्द व चक्कर आने लगे। देखते ही देखते 71 बच्चों की हालत बिगड़ती चली गई थी। इस मामले के बाद जिलाधिकारी ने लैब से पराग के दूध और तहरी के नमूनों की जांच कराने के अलावा सिटी मजिस्ट्रेट को मजिस्ट्रेटी जांच सौंपी थी। 


खबर साभार :  डेली न्यूज एक्टिविस्ट

Enter Your E-MAIL for Free Updates :   
फिर कैसे बीमार हुए 70 बच्चे? लखनऊ में 70 बच्चों के बीमार होने का मामला, जांच रिपोर्ट में दूध के नमूनों को क्लीन चिट व तहरी में भी मिलावट नहीं, अक्षय पात्र और पराग को नोटिस जारी Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी on 7:55 AM Rating: 5

No comments:

Contact Form

Name

Email *

Message *

Powered by Blogger.