छात्र संख्या के आधार पर पांच वर्ष बाद स्कूलवार शिक्षकों के पद सृजित, आरटीई की कसौटी होगा छात्र-शिक्षक अनुपात
- शिक्षकों की तैनाती में संतुलन का शिकंजा
- आरटीई की कसौटी होगा छात्र-शिक्षक अनुपात
- छात्र संख्या के आधार पर पांच वर्ष बाद स्कूलवार शिक्षकों के पद सृजित
सूबे के परिषदीय स्कूलों में वर्षो से विद्यार्थी और शिक्षक मानकों की अनदेखी कर अड्डा जमाए शिक्षकों की अब खैर नहीं है। बेसिक शिक्षा परिषद ने ऐसे शिक्षकों पर छात्र-शिक्षक संतुलन का शिकंजा कसने की तैयारी पूरी कर ली है। पांच वर्ष बाद शुरू हुई इस कवायद पर शीघ्र ही शासन से अनुमति लेने की तैयारी है। छात्र-शिक्षक मानक को अमलीजामा पहनाने के लिए बेसिक शिक्षा परिषद ने जिलेवार और स्कूलवार छात्र-शिक्षक अनुपात का ब्योरा तैयार किया है। कोशिश है कि अप्रैल के अंतिम सप्ताह तक इस अहम पहल पर अमल कर लिया जाए।
परिषदीय स्कूलों में वर्षो से भर्तियां नहीं होने की वजह से शिक्षकों का टोटा था। इस बीच प्राथमिक स्कूलों की जिम्मेदारी धीरे-धीरे शिक्षामित्रों के हवाले होती चली गई। अब बड़े पैमाने पर शिक्षकों की नियुक्ति होने और भर्ती प्रक्रिया प्रस्तावित होने की वजह से परिषद ने यह पहल की है। सर्व शिक्षा अभियान (एसएसए) शुरू होने के बाद स्कूल और बच्चों की संख्या तो बढ़ती गई लेकिन जिम्मेदारों की उपेक्षा की वजह से स्कूलों में विद्यार्थी और शिक्षक संतुलन हाशिए पर रहा।
नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2011 (आरटीई) के तहत स्कूलों में 30 से 35 बच्चों पर एक शिक्षक के तैनाती का प्रावधान है। यही वजह है कि परिषद ने यह कवायद शुरू की है। स्थिति यह है कि पहली अप्रैल से नए शैक्षिक सत्र की शुरुआत तो हो गई लेकिन सैकड़ों स्कूल ऐसे में हैं जहां के शिक्षक सेवानिवृत्त हो गए, लेकिन उनकी जगह नए शिक्षकों की तैनाती नहीं हुई है। ऐसे में इन स्कूलों में पढ़ाई की जिम्मेदारी तत्काल प्रतिनियुक्ति वाले शिक्षकों के भरोसे है या फिर शिक्षामित्र संभाल रहे हैं। दूसरी ओर हजारों स्कूल ऐसे भी जहां छात्र-शिक्षक अनुपात से ज्यादा शिक्षक वर्षो से अड्डा जमाए बैठे हैं।
खबर साभार : दैनिक जागरण
छात्र संख्या के आधार पर पांच वर्ष बाद स्कूलवार शिक्षकों के पद सृजित, आरटीई की कसौटी होगा छात्र-शिक्षक अनुपात
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
7:05 AM
Rating:
No comments:
Post a Comment