अब हर बच्चे का बनेगा आधार कार्ड, पहले पांच साल से कम आयु पर नहीं बनाए जाते थे कार्ड, आंगनबाड़ी केेंद्रों और स्कूलों में कैंप लगाकर बनेंगे बच्चों के आधार कार्ड
- अब हर बच्चे का बनेगा आधार कार्ड, अब नहीं होगी न्यूनतम आयु सीमा
- पहले पांच साल से कम आयु पर नहीं बनाए जाते थे कार्ड
- आधार कार्ड के लिए न्यूनतम आयु सीमा की शर्त समाप्त
- आंगनबाड़ी केेंद्रों और स्कूलों में कैंप लगाकर बनेंगे बच्चों के आधार कार्ड
इलाहाबाद
(ब्यूरो)। अब हर बच्चे की देश में अलग पहचान होगी। सरकार ने आधार कार्ड
बनाए जाने के लिए न्यूनतम आयु सीमा की शर्त को समाप्त कर दिया है। नई
व्यवस्था के तहत पांच वर्ष से कम आयु वर्ग के बच्चों का भी आधार कार्ड
बनाया जाएगा। इस बाबत आदेश जारी होने के बाद डीएम कौशल राज ने गुरुवार को
अफसरों के साथ बैठक कर इस योजना को अभियान के रूप में लागू करने के लिए
जरूरी निर्देश दिए।
पुरानी व्यवस्था के तहत
पांच वर्ष से कम आयु वर्ग के बच्चों का आधार कार्ड बनाए जाने का कोई
प्रावधान नहीं था। इसको लेकर सवाल भी उठते रहे। केंद्र सरकार के पास तमाम
प्रस्ताव भेजे गए कि इस प्रतिबंध को हटा लिया जाए। आखिर सरकार ने आधार
कार्ड के लिए न्यूनतम आयु सीमा की शर्त को समाप्त कर दिया।
डीएम कौशल राज शर्मा ने बताया कि उन्होंने जिला कार्यक्रम अधिकारी और सभी
बाल विकास परियोजना अधिकारियों के साथ बैठक कर निर्देश जारी किए हैं कि
आंगनबाड़ी केेंद्रों में कैंप लगाकर बच्चों के आधार कार्ड बनाए जाएंगे।
इसके अलावा तहसील और ब्लॉक मुख्यालयों में भी पांच वर्ष तक के बच्चों का
आधार कार्ड बनवाने के लिए कैंप लगवाए जाएंगे। आधार कार्ड बनाने वाली
एजेंसियों को भी इस बाबत दिशा-निर्देश दे दिए गए हैं।
साथ ही बैठक के दौरान
एजेंसियों को यह निर्देश भी कदया गया है कि आधार कार्ड बनाने के लिए
उन्हें जो क्षेत्र आवंटित किया गया है, उस परिधि से बाहर न जाएं वरना सख्त
कार्रवाई की जाएगी। साथ ही कई जगह से शिकायत मिल रही थी कि एजेंसियां आधार
कार्ड के लिए आवेदन करने वालों को पंजीकरण संख्या का प्रिंट नहीं उपलब्ध
करा रही है। एजेंसियों से कहा गया है कि अनिवार्य रूप से पंजीकरण संख्या का
प्रिंट उपलब्ध कराएं।
खबर साभार : अमर उजाला
अब हर बच्चे का बनेगा आधार कार्ड, पहले पांच साल से कम आयु पर नहीं बनाए जाते थे कार्ड, आंगनबाड़ी केेंद्रों और स्कूलों में कैंप लगाकर बनेंगे बच्चों के आधार कार्ड
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
7:08 AM
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