केंद्र ने मांगी दूध पीने से बीमार बच्चों की रिपोर्ट, पराग ने नोटिस के बाद भी नहीं दिया जवाब, मामला जस का तस

  • केंद्र ने मांगी दूध पीने से बीमार बच्चों की रिपोर्ट
  • पराग ने नोटिस के बाद भी नहीं दिया जवाब 
कैंट स्थित माध्यमिक विद्यालय आरए बाजार में 29 जुलाई को मीठा दूध पीने से 75 बच्चों के बीमार होने की घटना को केंद्र सरकार ने भी गंभीरता से लिया है। सरकार के नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल सेल (एनसीडीसी) की ओर से इस मामले की रिपोर्ट राज्य सरकार से तलब की है। शासन के निर्देश के बाद डिप्टी सीएमओ डॉ.आरके चौधरी व डॉ. प्रिया ने शनिवार को राजधानी के बीएसए कार्यालय, कैंटोमेंट जनरल हॉस्पिटल तथा जिला प्रशासन के स्तर से अब तक हुई कार्रवाई की रिपोर्ट लेने पहुंचे। देर शाम सीएमओ की हस्ताक्षर के बादरिपोर्ट भारत सरकार को भेज दी गई।अक्षय पात्र फाउंडेशन को काकोरी, चिनहट व सरोजिनी नगर तथा नगर क्षेत्र के परिषदीय विद्यालयों में मिड-डे-मील दिए जाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। 29 जुलाई को सुबह 10.30 बजे अक्षय पात्र की ओर से माध्यमिक विद्यालय आरए बाजार में कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को उबला दूध की जगह फ्लेवर्ड मिल्क दे दिया गया। लिहाजा आधे घंटे बाद उनकी तबियत बिगड़ गई थी और बच्चों को आनन-फानन में उन्हें कैंट जनरल हॉस्पिटल में भर्ती कराया था। घटना को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। लेकिन अब भारत सरकार ने भी इसे गंभीरता से लिया है। भारत सरकार की एनसीडीएल सेल ने ई-मेल के जरिए पत्र भेजकर पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी है। इसके लिए शनिवार को दोपहर 1.20 बजे डिप्टी सीएमओ डॉ. आरके चौधरी व डॉ.प्रिया बीएसए कार्यालय पहुंचे। उन्होंने दूध से पीड़ित बच्चों के मामले में अब तक हुई कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी। डॉ. चौधरी के मुताबिक कैंटोनमेंट जनरल हॉस्पिटल जाकर वहां से डॉ. एससी जोशी ने मिलकर पूरी रिपोर्ट ले ली है। रिपोर्ट में मुख्य फोकस बीमारी को लेकर था, जिससे बच्चे बीमार हुए। अब रिपोर्ट देर रात या फिर रविवार को सुबह भेज दिया जाएगा।

 
बीएसए कार्यालय में अब तक हुई कार्रवाई की रिपोर्ट लेने पहुंचे डिप्टी सीएमओ डॉ. आरके चौधरी व डॉ. प्रिया
मिड-डे-मील में दिए गए दूध पीने से करीब 75 बच्चों की तबियत बिगड़ गई थी, जिन्हें हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। इस मामले की जांच कर रहे सिटी मजिस्ट्रेट शत्रोहन वैश्य ने माध्यमिक विद्यालय आरए बाजार प्राइमरी सेक्शन की प्रधानाध्यापिका शोभना, जूनियर सेक्शन की प्रधानाध्यापिका विभा रानी, प्रधानाध्यापक (अब सेवानिवृत्त) रामफेर तथा पराग डेरी के महाप्रबंधक दिनेश कुमार सिंह को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। इसके लिए एक अगस्त तक का समय दिया गया था। लेकिन शनिवार तक इनमें से तीन लोगों ने अपना जवाब नहीं दिया। वहीं लैब से भी जांच रिपोर्ट नहीं आई है। जांच रिपोर्ट आने के बाद जिलाधिकारी को सौंपी जाएगी।
छावनी परिषद के प्राथमिक विद्यालय में मिड डे मील का दूध पीने से बीमार हुए बच्चों के मामले की जांच रिपोर्ट सामने आने में अभी कुछ दिन और लग सकते हैं। बताया जा रहा है कि जांच रिपोर्ट के लिए दूध की लैब रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। डीएम राजशेखर ने सिटी मजिस्ट्रेट को जांच सौंपकर तीन दिनों में रिपोर्ट देने के निर्देश दिए थे। सिटी मजिस्ट्रेट ने पराग, अक्षय पात्र और स्कूल के प्रिंसिपलों को नोटिस जारी की थी। शनिवार को अक्षय पात्र के प्रतिनिधि ने मजिस्ट्रेट कार्यालय आकर अपना पक्ष रखा। सिटी मजिस्ट्रेट का कहना है कि अब तक की जांच में कोई ऐसी गंभीर लापरवाही की बात सामने नहीं आई जिससे किसी निष्कर्ष पर पहुंचा जा सके। जांच बहुत कुछ दूध की लैब रिपोर्ट पर निर्भर करेगी। प्रशासनिक अधिकारी लैब रिपोर्ट जल्द मंगाने के प्रयास कर रहे हैं। दरअसल इस मामले से जुड़े इतने बिंदु हैं कि अफसरों को सिरा ढूंढ़े नहीं मिल रहा है।
खबर साभार :   डेली न्यूज एक्टिविस्ट

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केंद्र ने मांगी दूध पीने से बीमार बच्चों की रिपोर्ट, पराग ने नोटिस के बाद भी नहीं दिया जवाब, मामला जस का तस Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी on 9:04 AM Rating: 5

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