मिड डे मील की टेंशन : एमडीएम और दूध को लेकर फिर बवाल, महाराजगंज और चित्रकूट में बच्चे हुये बीमार, शिक्षकों और रसोइयों पर कार्यवाही कर विभाग जांच में जुटा
- महराजगंज मेंे फरेंदा के प्राथमिक विद्यालय में दूध में गिरी छिपकली
- जहरीला दूध से 48 बीमार, प्रधानाचार्य सस्पेंड
महराजगंज। क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय परासखाड़ में छिपकली गिरने से विषाक्त हुआ दूध बच्चों को पिला दिया गया। जिससे करीब 48 विद्यार्थी बीमार हो गए। उनकी हालत बिगड़ती देख प्रधानाध्यापक साथी शिक्षक के साथ स्कूल से भाग गए। गांववालों ने पता चलने पर बच्चों को इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनकटी में भर्ती कराया। लापरवाही के आरोप में प्रधानाध्यापक को निलंबित और रसोइयों को हटा दिया गया है।
फरेंदा क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय परासखाड़ में बुधवार को रसोइया कृष्ण कुमारी, सावित्री व फूलमती बच्चों के लिए दूध गर्म कर रही थीं। इस दौरान एक छिपकली दूध के बर्तन में गिर गई। यह देख रसोइयों ने दूध से छिपकली निकालकर फेंक दी और बिना किसी को बताए दूध स्कूल के 122 बच्चों को पिला दिया। कुछ देर बाद ही बच्चे पेट दर्द की दिक्कत बताने के साथ उलटी करने लगे। बच्चों की हालत बिगड़ती देख स्कूल के प्रधानाध्यापक कृष्णदेव यादव और शिक्षक शैलेश त्रिपाठी उन्हें अस्पताल पहुंचाने के बजाए स्कूल से भाग गए। गांव के लोगों को जब घटना के बारे में पता चला तो वे दौड़कर स्कूल पहुंचे और बच्चों को तुरंत सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बनकटी में भर्ती कराया। जहां उनका इलाज चल रहा है। सूचना मिलते ही सीएमओ जेके माहेश्वरी, एसडीएम जयचंद पांडेय समेत कई अधिकारी मौके पर पहुंच। चिकित्सक डॉ. एसके सिंह, डॉ. मुुकेश गुप्ता ने बताया कि दूध पीने से बच्चों को उल्टी व गैस बनने की दिक्कत हुई है, जिसका इलाज हो रहा है। इस संबंध में बीएसए जयप्रताप सिंह ने कहा कि खराब दूध के कारण चार बच्चे बीमार पड़े हैं। सभी खतरे से बाहर हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानाध्यापक कृष्णदेव यादव को निलंबित कर दिया गया है और रसोइयों को हटा दिया गया है।
खबर साभार : अमर उजाला
- मिड डे मील खाकर 52 बच्चे बीमार : जांच के आदेश
- चित्रकूट में सीएचसी में भर्ती 20 बच्चों की हालत गंभीर
- बच्चों को एबुंलेस से पहुंचाया गया सीएचसीचित्रकूट के प्राथमिक विद्यालय जमिरा में मिड डे मील खाकर 52 बच्चे बीमार पड़ गए हैं। इलाज के लिए उन्हें सीएचसी मऊ में एडमिट कराया गया है, जहां 20 बच्चों की हालत गंभीर बताई जा रही है। बुधवार को स्कूल में पंजीकृत 203 बच्चों में 155 स्कूल आए थे। सवेरे नौ बजे बच्चों को दूध पिलाया गया। डेढ़ घंटे बाद बच्चों को कोफ्ता-चावल खाने को दिए गए। इसके बाद ही बच्चे बेहोश हो गए। इसकी जानकारी मिलते ही एसडीएम राममूर्ति त्रिपाठी, तहसीलदार डॉ गुलाब सिंह, सीओ सत्यवीर सिंह, एबीएसए नीरज श्रीवास्तव, एसओ बरगढ़ और एसओ मऊ स्कूल पहुंचे और गाड़ियों से 52 बच्चों को सीएचसी में भर्ती करवाया। गांव में ही बच्चों के इलाज के लिए एक डॉक्टर और फार्मासिस्ट की टीम पहुंच गई है। बच्चों में मीनू, महेश, आशू, सुषमा, रोशनी, चांदनी, मनीषा, मीना, अंजू, सुषमा, सुनीता, विकास, प्रदीप, अरुण, दीपक, अजीता, प्रकाश और पवन की हालत गंभीर बताई जा रही है।
- अज्ञात साइकल सवार आए थे स्कूल में
जमिरा के प्रधानाध्यापक रविशंकर त्रिपाठी ने एसडीएम को बताया कि मध्यान्ह भोजन के समय कुछ साइकल सवार जबरन स्कूल में घुस आए थे। इससे आशंका जताई जा रही है कि उन्हीं लोगों ने खाने में कुछ मिला दिया, जिससे बच्चे बीमार पड़ गए। रविशंकर के मुताबिक रसोइया कलावती, इन्द्रवती और बेलपती ने खाना बनाने के बाद खुद चखा था इसके बाद बच्चों को खिलाया था।
- एसडीएम ने सीज किया खाना
एसडीएम मऊ राममूर्ति त्रिपाठी ने कोफ्ता-चावल खाने पर बच्चों की हालत खराब होने के बाद बचे भोजन को तत्काल पैक कराकर सील कर दिया। उन्होंने औषधि एवं खाद्य सुरक्षा टीम को तलब कर पैक भोजन की जांच कराने के निर्देश दिए हैं।
चित्रकूट में 52 बच्चों और महराजगंज में 20 बच्चों के बीमार होने की घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। महराजगंज मंे हेडमास्टर को सस्पेंड कर दिया गया है। - श्रद्धा मिश्रा, डायरेक्टर, मिड-डे मील
नवभारत टाइम्स |
मऊ तहसील के बरगढ़ थाना अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय जमिरा में बुधवार को
मिड-डे-मील के सेवन से लगभग 50 बच्चे बीमार पड़ गये। इनमें से एक-एककर 28
बच्चे बेहोश भी हो गये। अन्य बच्चों को जैसे-तैसे उल्टी करायी गयी। मामले
की जानकारी जब विभाग व प्रशासनिक अधिकारियों को हुई तो आनन-फानन में बच्चों
को एम्बुलेंस के जरिए समुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मऊ ले जाया गया। शाम
लगभग चार बजे जाकर बच्चों की स्थिति सामान्य हुई।
उधर, जिलाधिकारी के
निर्देश पर उप जिलाधिकारी ने भोजन का सैम्पल भरवाया। पूरे मामले की जांच
करायी जा रही है। प्राथमिक विद्यालय जमिरा में पंजीकृत 203 छात्रों में से
आज 155 बच्चे आये थे। प्रधानाध्यापक रविशंकर त्रिपाठी ने मेन्यू के अनुसार
बच्चों को दूध पिलाया। इसके बाद कोफ्ता-चावल परोसा गया। खाने के कुछ देर
बाद अचानक बच्चों की तबियत खराब होने लगी। कुछ बच्चे स्कूल में ही बेहोश हो
गये। यह देख प्रधानाध्यापक और अन्य शिक्षकों के हाथ-पांव फूल गये।
आनन-फानन में इसकी जानकारी शिक्षा विभाग के अधिकारियों को दी गयी।
खबर
मिलते ही खंड शिक्षाधिकारी नीरज श्रीवास्तव मौके पर पहुंचे। सूचना पाकर उप
जिलाधिकारी मऊ राममूर्ति त्रिपाठी भी स्कूल पहुंच गये। तहसीलदार गुलाब सिंह
व सीओ मऊ सत्यवीर सिंह भी विद्यालय पहुंचे। इसके बाद अफरा-तफरी के बीच
बच्चों को एम्बुलेंस से इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र ले जाया
गया। उपचार शुरू होते ही स्कूल के शेष बच्चे बेहोश होकर गिरने लगे। ऐसे में
इन बच्चों को भी एम्बुलेंस बुलाकर अस्पताल ले जाया गया।
एसडीएम ने मामले
की गंभीरता को देखते हुए राजस्व कर्मियों को अन्य बच्चों की देखभाल के लिए
लगाया। बच्चों की थाली में बचे कोफ्ता-चावल व रसोई के भगोने में रखे खाने
का सैम्पल लिया गया। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के चिकित्साधीक्षक डॉ.
शेखर वैश्य की देखरेख में डॉक्टरों की टीम ने बच्चों का इलाज किया।
स्वस्थ्य होने पर बच्चों को घर भेजा गया। इस घटना से जिले में हड़कंप मच
गया। एसडीएम ने कहा कि पूरे मामले की जांच करायी जा रही है। दोषियों के
खिलाफ कार्रवाई होगी।
साभार डीएनए |
मिड डे मील की टेंशन : एमडीएम और दूध को लेकर फिर बवाल, महाराजगंज और चित्रकूट में बच्चे हुये बीमार, शिक्षकों और रसोइयों पर कार्यवाही कर विभाग जांच में जुटा
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
7:15 AM
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