शिक्षामित्र समायोजन मामले में दोपहर तक आएगा फैसला, हाईकोर्ट की पूर्ण पीठ ने पांच दिनों तक की सुनवाई
- शिक्षक भर्ती के लिए नजीर होगा हाईकोर्ट का फैसला
खबर साभार : दैनिक जागरण
- आज होगा शिक्षमित्रों के भविष्य का फैसला
तीन न्यायाधीशों की पूर्णपीठ ने आज दोपहर बाद फैसला लिखाना भी शुरू कर दिया, जो समयाभाव के कारण पूरा नहीं हो सका। पूर्ण पीठ ने शनिवार होने के बावजूद कल (12 सितम्बर) सुबह से फैसला पूरा कराने का निर्णय किया है। यह हाईकोर्ट के इतिहास में पहली बार होगा जब शनिवार (छुट्टी के दिन) को केवल फैसले के लिए चीफ जस्टिस की कोर्ट खुलेगी।
इस मामले की सुनवाई के लिए गठित पूर्णपीठ में चीफ जस्टिस डॉ. डीवाई चंद्रचूड, जस्टिस दिलीप गुप्ता एवं जस्टिस यशवंत वर्मा शामिल हैं। पूर्णपीठ इस मामले में चार सितम्बर से सुनवाई कर रही है। शनिवार को इस मामले में फैसला आने की पूरी संभावना है।
खबर साभार : हिन्दुस्तान
- शिक्षामित्रों के मामले में सुनवाई पूरी, शीघ्र आएगा निर्णय
इलाहाबाद(ब्यूरो)।
शिक्षा मित्रों को सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित किए जाने की नीति को
चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सभी पक्षों की बहस शुक्रवार को पूरी हो गई।
अदालत अब इस मामले में शनिवार को निर्णय सुना सकती है। महत्वपूर्ण यह है कि
शनिवार को अवकाश के बावजूद अदालत फैसला लिखाएगी। शिवम् राजन सहित दर्जनों
अभ्यर्थियों की याचिकाओं पर मुख्य न्यायमूर्ति डॉ. डीवाई चंद्रचूड,
न्यायमूर्ति दिलीप गुप्ता और न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की पीठ सुनवाई कर रही
है।
तीन जजों की खंडपीठ ने फैसला लिखाना भी शुरू कर दिया, जो समयाभाव के
कारण पूरा नहीं हो सका। पूर्ण पीठ ने शनिवार होने के बावजूद कल (12
सितम्बर) सुबह से फैसला पूरा कराने का निर्णय किया है। यह हाईकोर्ट के
इतिहास में पहली बार होगा जब शनिवार को केवल फैसले के लिए चीफ जस्टिस की
कोर्ट खुलेगी। इस मामले की सुनवायी के लिए गठित पूर्णपीठ में चीफ जस्टिस
डा. डीवाई चंद्रचूड, जस्टिस दिलीप गुप्ता व जस्टिस यशवंत वर्मा शामिल हैं।
यह पीठ चार सितम्बर से इस मामले की सुनवायी कर रही है। शनिवार को इस मामले
में फैसला आने की संभावना है।
- यह है मामला
प्रदेश में 1.71 लाख शिक्षामित्र हैं। इनकी नियुक्ति बिना किसी परीक्षा के
ग्राम पंचायत स्तर पर मेरिट के आधार पर की गई थी। 2009 में तत्कालीन बसपा
सरकार ने इनके दो वर्षीय प्रशिक्षण की अनुमति नेशनल काउंसिल फार टीचर्स
एजुकेशन (एनसीटीई) से ली। इसी अनुमति के आधार पर इन्हें दूरस्थ शिक्षा के
अंतर्गत दो वर्ष का बीटीसी प्रशिक्षण दिया गया। 2012 में सत्ता में आई सपा
सरकार ने इन्हें सहायक अध्यापक पद पर समायोजित करने का निर्णय लिया। पहले
चरण में जून 2014 में 58,800 शिक्षामित्रों का सहायक अध्यापक के पद पर
समायोजन हो गया। दूसरे चरण में जून में 2015 में 73,000 शिक्षामित्र सहायक
अध्यापक बना दिए गए। तीसरे चरण का समायोजन होने से पहले ही मामला सुप्रीम
कोर्ट पहुंच गया।
बीटीसी प्रशिक्षु शिवम राजन सहित कई युवाओं ने समायोजन के खिलाफ सुप्रीम
कोर्ट में याचिका दायर कर दी। सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षामित्रों के समायोजन
पर रोक लगाते हुए हाईकोर्ट से विचाराधीन याचिकाओं पर अन्तिम निर्णय लेने को
कहा। जिस पर यह पूर्णपीठ सुनवाई कर रही है।
शिक्षामित्र समायोजन मामले में दोपहर तक आएगा फैसला, हाईकोर्ट की पूर्ण पीठ ने पांच दिनों तक की सुनवाई
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
7:30 AM
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