परिषदीय विद्यालयों की तबादला नीति जारी
- पिछले वर्ष तबादला वालों का फिर से ट्रांसफर नहीं
- पुरुष शिक्षकों का भी होगा तबादला
- तबादले से पहले होगी विद्यालयों में पदोन्नति
- वरिष्ठ विज्ञान शिक्षकों में आक्रोश
इलाहाबाद। परिषदीय अध्यापकों के तबादले और समायोजन संबंधी नीति जारी हो गई है। इस बार उन शिक्षक-शिक्षिकाओं का अन्तर्जनपदीय तबादला नहीं होगा जिनका तबादला वर्ष 2012-13 में हो चुका है। उन्हें एक वर्ष का इंतजार करना पड़ेगा। इसके बाद उनका तबादला मनचाहे जिले में होगा। पहले महिला शिक्षकों के तबादले पर विशेष ध्यान दिया जाता था। उनका उनके पति के सर्विस वाले जिले में तबादला कर दिया जाता था। इस बार पुरुष शिक्षकों की मांग पर उनकी पत्नी के सर्विस वाले जिले में नियुक्ति हो सकेगी। उधर, सचिव बेसिक शिक्षा परिषद कार्यालय से जानकारी मिली है कि एकाध हफ्ते के अंदर अंतर्जनपदीय तबादले के लिए आवेदन आनलाइन लिया जाना शुरू होगा। तबादले से पहले परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों की पदोन्नति होगी जिससे कि बाद में कोई विवाद न खड़ा हो सके। कई बार हुआ है कि तबादला करने के बाद पदोन्नति होने से शिक्षण कार्य पूरी तरह से प्रभावित हो जाता है। सशस्त्र बल में कार्य करने वाले अफसर और उनके सिपाही या अन्य दूसरे ग्रेड के लोगों के तबादले और समायोजन को विशेष वरीयता दी जाएगी और उनका तबादला/समायोजन उनकी मांग के जिले के अनुसार होगी। समायोजन के दौरान उन्हें तब तक नहीं हटाया जाएगा जब तक वह स्वयं दूसरी जगह जाने के लिए न कहें। तबादले के दौरान बीएसए को विशेष रूप से ध्यान देना होगा कि कोई भी विद्यालय शिक्षक विहीन न होने पाये। इसका प्रमाणपत्र परिषद और सर्व शिक्षा अभियान कार्यालय में देना पड़ेगा। सभी बीएसए को शिक्षक, उनके कला या विज्ञान वर्ग, पदोन्नति विवरण सहित अन्य जानकारियां कम्प्यूटर पर दर्ज करनी होंगी जिससे कि जांच के दौरान परेशानी न होने पाये। विज्ञान और अंग्रेजी शिक्षक विहीन (प्रधानाध्यापक के साथ) विद्यालयों की सूची अलग से कम्प्यूटर पर बनेगी। प्रत्येक उच्च प्राथमिक विद्यालय में एक-एक विज्ञान का शिक्षक रहेगा। अगर ज्यादा है तो वरिष्ठता क्रम में सूची तैयार होगी। अगर प्रधानाध्यापक विज्ञान वर्ग के हैं तो वहां पर दूसरे विद्यालय के शिक्षक की तैनाती नहीं होगी। महिला प्रधानाध्यपिका विज्ञान वर्ग की है तो विकल्प लेकर पदस्थापन होगा। स्वीकृत अध्यापक संख्या से अधिक विद्यालय में कार्य नहीं करेंगे। उनका समायोजन दूसरे विद्यालयों में होगा। पदोन्नति के बाद पहले उच्च प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों के पदों पर नियुक्ति होगी और शेष बचने पर प्राथमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यपकों के पदों पर पदोन्नति होगी। किसी विद्यालय में विज्ञान वर्ग का एक शिक्षक है तो उसका समायोजन नहीं होगा। अध्यापक विहीन विद्यालयों की सूची जहां केवल शिक्षामित्र कार्यरत हैं उन्हें अलग कर लिया जाएगा। पदोन्नति के दौरान 30 जून 2013 तक रिटायर होने वाले शिक्षकों व प्रधानाध्यापकों का नाम सूची में शामिल नहीं होगा। प्रत्येक विद्यालय में एक परिषदीय शिक्षक तैनात होगा। शिक्षामित्रों की गणना नहीं होगी। विकलांग शिक्षक/शिक्षिकाओं की अलग से सूची बनेगी। उनकी सुविधानुसार तैनाती होगी। समायोजन में महिला शिक्षकों को विशेष ख्याल रखा जाएगा उनको दूरस्थ क्षेत्रों में की बजाय पास के क्षेत्रों में तैनाती मिलेगी। उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा अध्यापक (तैनाती) प्रथम संशोधन नियमावली-2010 के अनुसार शिक्षकों की नियुक्ति अथवा पदोन्नति के फलस्वरूप पुरुष शिक्षकों को पिछड़े विकास क्षेत्र में तैनात किया गया है तो नियमानुसार पांच वर्ष उनको सेवा करना होगा। जबकि महिला शिक्षिकाएं अपने सेवाकाल के दौरान कभी भी दो वर्ष पिछड़े क्षेत्र में सेवा कर सकती हैं। जिन शिक्षकों की आयु 58 वर्ष हो चुकी है उन्हें समायोजन के तहत हटाया नहीं जा सकता है। समायोजन में उनके बाद के कनिष्ठ शिक्षक को हटाया जाएगा। असाध्य रोग से ग्रसित जैसे कैन्सर, हेपेटाइटिस बी एवं अन्य गंभीर प्रकृति की बीमारियों से ग्रसित शिक्षक को समायोजन में भी नहीं हटाया जाएगा। मानक से अधिक तैनाती वाले विद्यालयों में कनिष्ठ शिक्षकों को ही हटाया जाएगा। सचिव बेसिक शिक्षा परिषद इलाहाबाद संजय सिन्हा ने बताया कि तबादला नीति एकाध हफ्ते में जारी होने जा रही है। इस बार उसका सख्ती से पालन होगा। गड़बड़ी मिलने पर संबंधित के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
- तबादला समिति के अधिकारी-सदस्य
- वरिष्ठ विज्ञान शिक्षकों में आक्रोश
- आदेश इस लिंक पर जाकर देखें-: http://news4bsp.blogspot.in/2013/05/blog-post_9209.html
परिषदीय विद्यालयों की तबादला नीति जारी
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
6:10 AM
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