निजी स्कूलों का होगा खास रंग
- बेसिक शिक्षा मंत्री ने दिया निर्देश
- शासन ने मांगा निदेशालय से प्रस्ताव
लखनऊ : बेसिक
शिक्षा परिषद से मान्यताप्राप्त निजी क्षेत्र के नर्सरी, प्राथमिक व उच्च
प्राथमिक स्कूल भविष्य में खास रंग से रंगे होंगे। मान्यताप्राप्त निजी
स्कूलों की अलग पहचान कायम करने के लिहाज से बेसिक शिक्षा विभाग यह कदम
उठाने जा रहा है। बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी के निर्देश पर शासन
स्कूलों को मान्यता देने के नियमों की फेहरिस्त में इस बाबत एक नई शर्त
जोड़ने जा रहा है।
शासन ने इस बारे में बेसिक शिक्षा निदेशालय से
प्रस्ताव मांगा है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद बेसिक
शिक्षा विभाग ने निजी स्कूलों को मान्यता दिये जाने के बारे में 23 मई 2011
को शासनादेश जारी किया था। इस शासनादेश की शर्तों को व्यावहारिक बनाने के
मकसद से विभाग उनमें बदलाव करने की कवायद में जुटा है। इसी परिप्रेक्ष्य
में बेसिक शिक्षा मंत्री ने निर्देश दिया है कि बेसिक शिक्षा परिषद से
मान्यता हासिल करने वाले निजी विद्यालयों के लिए खास रंग
निर्धारित किए जाने की शर्त भी जोड़ी जाए ताकि उनकी अलग पहचान स्थापित हो
सके। स्कूलों की मान्यता के लिए आवेदन की प्रक्रिया को भी ऑनलाइन करने की
मंशा है। 23 मई 2011 को जारी शासनादेश के मुताबिक नर्सरी, प्राथमिक और उच्च
प्राथमिक स्कूलों की कक्षाओं के लिए क्षेत्रफल निर्धारित किए गए हैं।
मान्यता
की शर्तो को सरल बनाने के लिहाज से शासन स्तर यह विचार उभरा था
कि स्कूलों में क्लासरूम की संख्या और क्षेत्रफल निर्धारित करने की बजाय यह
सुनिश्चित किया जाए कि उनमें प्रत्येक बच्चे के बैठने के लिए न्यूनतम नौ
वर्ग फीट स्थान उपलब्ध हो। जब इस संबंध में प्रस्ताव बेसिक शिक्षा मंत्री
को अनुमोदन के लिए गया तो उन्होंने निर्देश दिया है कि मान्यता के लिए
स्कूलों में कक्षाओं का एक निश्चित क्षेत्रफल निर्धारित किया जाना जरूरी
है। (साभार-:-दैनिक जागरण)
निजी स्कूलों का होगा खास रंग
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
4:10 PM
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