अनुदेशकों की भर्ती में काउंसलिंग के दौरान गड़बड़ी की मिली शिकायतों को शासन ने गंभीरता से लिया
- उच्च प्राथमिक स्कूलों में संविदा अनुदेशकों की भर्ती में गड़बड़ी
- धांधली पर बीएसए होंगे दंडित
- दूसरे चरण की काउंसलिंग आज
लखनऊ। राज्य सरकार ने उच्च प्राथमिक स्कूलों में संविदा अनुदेशकों की भर्ती में काउंसलिंग के दौरान गड़बड़ी की मिली शिकायतों को गंभीरता से लिया है। प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा सुनील कुमार ने मंगलवार को शासनादेश जारी कर कहा है कि भर्ती में धांधली पर बेसिक शिक्षा अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
बेसिक शिक्षा परिषद के उच्च प्राथमिक स्कूलों में संविदा के आधार पर 41 हजार अनुदेशकों को रखा जाना है।
कला अनुदेशक के लिए ड्राइंग व पेंटिंग के साथ बीए, स्वास्थ्य एवं शारीरिक अनुदेशक के लिए व्यायाम शिक्षा में डिप्लोमा और कार्य अनुदेशक के लिए कंप्यूटर शिक्षा, गृह शिक्षा व कला, उद्यान विज्ञान व फल संरक्षण और कृषि विषय में स्नातक को पात्र माना गया है। पहले चरण की काउंसलिंग में अपात्रों को भी शामिल किए जाने की शिकायतें मिली हैं। इसके आधार पर यह निर्देश जारी किया गया है, इसमें किसी भी प्रकार की गड़बड़ी नहीं होनी चाहिए।
दूसरे चरण की काउंसलिंग बुधवार को होगी। सर्व शिक्षा अभियान की अपर परियोजना निदेशक डॉ. मीना शर्मा ने इस बाबत आदेश जारी कर दिया है। इसमें कहा गया है कि एक से ज्यादा आवेदन करने वालों को भी शामिल किया जाएगा, लेकिन उनके प्राप्तांक अधिक नहीं होने चाहिए।
- कला शिक्षण के बाद स्वास्थ्य शिक्षा व कार्यानुभव शिक्षा में भी मिले संदिग्ध प्रमाण पत्र
- इलाहाबाद में इतने बड़े पैमाने पर एक ही विवि की डिग्री मिलने का मामला सामने आने के बाद प्रदेश के अन्य जिलों में भी एलर्ट जारी
इलाहाबाद । प्रदेश के उच्च प्राथमिक विद्यालेयों में शिक्षकों की कमी पूरी
करने के लिए संविदा अनुदेशकों की भर्ती में फर्जीवाड़ा सामने आया है। कला
शिक्षण में फर्जी डिग्री हासिल करके आवेदन करने वालों का मामला सामने आने
के बाद अब स्वास्थ्य शिक्षा तथा कार्यानुभव शिक्षा में अनुदेशकों की भर्ती
में भी फर्जी बीपीएड/डीपीएड के साथ आईटीआई एवं होम साइंस में फर्जी डिग्री
लगा अभ्यर्थियों ने मेरिट में जगह पा ली है। संविदा अनुदेशकों के पदों पर
नियुक्ति के लिए फरवरी-मार्च में आवेदन मांगा गया था।
बेसिक
शिक्षा परिषद की ओर से मेरिट जारी होने और पहले चरण की काउंसिलिंग के बाद
बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय को बड़ी संख्या में सिक्किम व मेघालय के
विवि से जारी डिग्री मिली। इलाहाबाद में इतने बड़े पैमाने पर एक ही विवि की
डिग्री मिलने का मामला सामने आने के बाद प्रदेश के अन्य जिलों में भी
एलर्ट जारी किया है। आरंभिक जांच में कौशांबी, प्रतापगढ़, फतेहपुर, भदोही,
मिर्जापुर, वाराणसी में इस प्रकार के मामले सामने आए हैं। बेसिक शिक्षा
परिषद की ओर से भी बीएसए को फर्जी डिग्री लगाने वालों पर अंकुश लगाने की
बात कही गई है। इलाहाबाद में कला शिक्षण से जुड़ा फर्जीवाड़ा पकड़ में आने
के बाद स्वास्थ्य शिक्षा तथा कार्यानुभव शिक्षा के प्रमाण पत्रों की जांच
में भी फर्जीवाड़ा पकड़ में आया है। इसमें बड़ी संख्या बीपीएड, डीपीएड एवं
आईटीआई के प्रमाण पत्र ऐसे संस्थान से जारी हो गए हैं जो पहली ही नजर से
देखने में फर्जी लगते हैं। इन प्रमाण पत्रों को हासिल कर मेरिट में जगह
बनाने वाले अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों को संदिग्ध मानने वाले अधिकारी भी
जांच के बाद कार्रवाई की बात कर रहे हैं। बीएसए इलाहाबाद पीके शर्मा का
कहना है कि काउंसिलिंग के बाद सभी प्रमाण पत्रों की जांच संबंधित संस्थानों
से कराई जाएगी। इसके बाद ही कोई कार्रवाई संभव होगी। (साभार-:-अमर उजाला)
अनुदेशकों की भर्ती में काउंसलिंग के दौरान गड़बड़ी की मिली शिकायतों को शासन ने गंभीरता से लिया
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
6:02 AM
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