दूरस्थ शिक्षा (पत्राचार) से बीएड करने वाले बर्खास्त शिक्षकों को मिली राहत
कानपुर।
दूरस्थ शिक्षा (पत्राचार) से बीएड करके प्राथमिक विद्यालयों में नौकरी
पाने और बर्खास्तगी का दंश झेलने वाले टीचर को इलाहाबाद हाईकोर्ट से राहत
मिली है। ऐसे टीचर को फिर नियुक्ति देने का आदेश दिया है। नियुक्ति दो
महीने के अंदर होनी है। हाईकोर्ट ने प्राइमरी टीचर की ज्वाइनिंग और उनकी
बर्खास्तगी (31 दिसंबर 2005-13 दिसंबर 2006) तक के वेतन जारी करने के आदेश
भी दिए हैं। यह आदेश 12 अप्रैल 2013 को आया है।
किदवई
नगर की आभा चतुर्वेदी और रीता शुक्ला ने दूरस्थ शिक्षा से बीएड की पढ़ाई
की। बरकतुल्ला विश्वविद्यालय भोपाल (मध्य प्रदेश) से डिग्री लेने के बाद
यूपी से विशिष्ट बीटीसी 2004 का फार्म भरा और प्राथमिक सहायक अध्यापक पर
सेलेक्शन हो गया। आभा को 15 जुलाई 2004 से जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण
संस्थान (डायट) में प्रशिक्षण दिया गया। 31 दिसंबर 2005 को उनको पहली
पोस्टिंग औरैया जिले के विधूना विकासखंड के बदनपुर प्राथमिक विद्यालय में
मिली। वहां 19 नवंबर 2006 तक पढ़ाने के बाद आभा चतुर्वेदी ने अपना ट्रांसफर
कानपुर नगर करा लिया। उन्होंने कानपुर नगर के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी
के दफ्तर में 21 नवंबर को ज्वाइनिंग भी दे दी। इसी बीच 13 दिसंबर 2006 को
आभा को बर्खास्तगी की नोटिस मिल गई। बेसिक शिक्षा विभाग की नोटिस में तर्क
दिया गया कि दूरस्थ शिक्षा से बीएड की पढ़ाई मान्य नहीं है। इसलिए सहायक
अध्यापक की नियुक्ति निरस्त की जाती है। इसको लेकर ही आभा ने इलाहाबाद
हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। जस्टिस पंकज नकवी ने दोनों पक्षों की दलील
सुनने के बाद फैसला सुनाया। कहा कि बरकतुल्ला विश्वविद्यालय से दूरस्थ
शिक्षा की पढ़ाई मान्य है। इसलिए आदेश की प्रति मिलने के दो महीने के अंदर
संबंधित टीचर को फिर नियुक्ति दी जाए। नियुक्ति-बर्खास्तगी के दौरान का
वेतन भी जारी किया जाना चाहिए। वहीं, सहायक अध्यापक रहीं रीता शुक्ला के
मामले की सुनवाई जस्टिस राम सूरत राम मौर्य ने की है। उन्होंने भी रीता को
फिर नियुक्ति दिए जाने का आदेश दिया है।
"हाईकोर्ट
के आदेश की जानकारी नहीं मिली है। यदि संबंधित याची आदेश की प्रति उपलब्ध
कराते हैं तो कानूनी सलाह लेकर उचित कार्रवाई की जाएगी। हाईकोर्ट के आदेश
का अनुपालन सुनिश्चित कराया जाएगा।"
दूरस्थ शिक्षा (पत्राचार) से बीएड करने वाले बर्खास्त शिक्षकों को मिली राहत
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
3:21 PM
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