बीएसए देंगे प्रमाणपत्र तभी होगा स्थानांतरण
- स्थानांतरण आदेश के सहारे फर्जी शिक्षक तैनात होने से रोकने की पहल
- सचिव ने जारी किया नया निर्देश प्रमाणपत्र के बिना आवेदन
इलाहाबाद | अब फर्जी शिक्षक स्थानांतरण आदेश के सहारे सरकारी नौकरी पर कब्जा नहीं जमा सकेंगे। स्थानांतरण आदेश के सहारे दशकों से होते आ रहे फर्जीवाड़े को रोकने के लिए बेसिक शिक्षा परिषद ने नई योजना तैयार की है। परिषद ने अब स्थानांतरण के लिए आवेदन करने से पूर्व शिक्षकों के लिए बीएसए से प्रमाणित कराना अनिवार्य कर दिया है। बीएसए द्वारा सत्यापित कराने के बाद ही शिक्षक एक जिले से दूसरे जिले में स्थानांतरण के लिए आवेदन कर सकेंगे। नए नियमों के मुताबिक बीएसए अपने जिले से स्थानांतरण के लिए आए आवेदन पत्रों की जांच कर संबंधित प्रपत्रों को प्रमाणित करेंगे। इसके बाद आवेदन पत्रों को स्वीकृत और अस्वीकृत करेंगे। बेसिक शिक्षा परिषद ने बीएसए से जिले में स्वीकृत और अस्वीकृत आवेदन पत्रों के बारे में प्रमाणपत्र मांगा है। इस आशय का निर्देश बेसिक शिक्षा परिषद सचिव संजय सिंहा ने जारी किया है। परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों की अंतरजनपदीय तबादला सूची जुलाई के पहले सप्ताह में जारी किए जाने की घोषणा की गई है। इसके लिए परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों के अंतरजनपदीय तबादलों के लिए 18 जून काउंसिलिंग आयोजित की जाएगी। इसमें आवेदकों द्वारा आवेदन पत्र में दर्ज किए गए विवरण की जांच की जाएगी। इस जांच का जिम्मा जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को दिया गया है। बीएसए द्वारा सत्यापित आवेदन पत्रों की हार्ड कॉपी आवश्यक संलग्नक और साक्ष्य सहित परिषद कार्यालय को 25 जून से पहले उपलब्ध करानी है। इसके साथ बीएसए को एक प्रमाणपत्र देना होगा जिसमें सत्यापित और निरस्त किए गए आवेदन पत्रों की संख्या का जिक्र किया जाएगा। इसके बाद ही स्थानांतरित किए जाने वाले शिक्षकों की सूची प्रकाशित की जाएगी। गौरतलब है कि 28 मई से नौ जून तक ऑनलाइन आवेदन की व्यवस्था की गई है।
- जिले में समायोजन की व्यवस्था ऑनलाइन किए जाने की मांग
तबादलों के बाद जिले में आए शिक्षकों की तैनाती को लेकर हमेशा विवाद होता रहा है। शिक्षकों की शिकायत होती है कि उनकी तैनाती जानबूझ कर ऐसे विद्यालयों में की जाती है जहां आना-जाना मुश्किल हो। इलाहबाद समेत कई जिलों में तैनाती सूची को वरिष्ठता के आधार पर न बनाए जाने और शिक्षकों द्वारा दिए गए विकल्प के अनुसार तैनाती न मिलने पर विवाद हो चुका है। पिछले साल इलाहाबाद जिले में अंतरजनपदीय तबादलों से आए शिक्षकों को अदालत के निर्देश पर दोबारा काउंसिलिंग करा कर तैनाती दी गई। वहीं विभागीय अधिकारियों का मानना है कि शिक्षक दूरदराज के विद्यालयों में तैनाती नहीं चाहते इसके चलते बार-बार विवाद होता है। वहीं शिक्षकों की मांग है कि जिले के भीतर समायोजन की व्यवस्था ऑनलाइन की जाए। इसमें रिक्त पदों वाले विद्यालयों की ऑनलाइन सूची दी जाए और शिक्षकों से ऑनलाइन आवेदन लेकर वरिष्ठता के क्रम में विद्यालय आवंटित किए जाएं। (साभार-:-दैनिक जागरण)
- स्थानांतरण आदेश के सहारे फर्जी शिक्षक तैनात होने से रोकने की पहल
- सचिव ने जारी किया नया निर्देश प्रमाणपत्र के बिना आवेदन
- जिले में समायोजन की व्यवस्था ऑनलाइन किए जाने की मांग
बीएसए देंगे प्रमाणपत्र तभी होगा स्थानांतरण
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
6:00 AM
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