विद्यालयों में अब बच्चों की पसंद का मिड-डे-मील


  • पसंद जानने के लिए आईआईएम करेगा सर्वे
  • जुलाई से नई व्यवस्था लागू करने की तैयारी
लखनऊ। मिड-डे-मील योजना में अब बच्चों को उनकी पसंद का खाना दिए जाने की तैयारी है। किस इलाके में बच्चों को कैसा खाना पसंद है, इसका पता लगाने की जिम्मेदारी भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम) लखनऊ को दी गई है। मध्याह्न भोजन प्राधिकरण ने इसके लिए आईआईएम से करार किया है। आईआईएम के छात्र सर्वे करके पता लगाएंगे कि किस क्षेत्र में कौन सी फसल अधिक पैदा होती है और वहां के बच्चों को क्या खाना अधिक पसंद है। आईआईएम 15 जून तक मध्याह्न भोजन प्राधिकरण को अपनी रिपोर्ट सौंप देगा। इस आधार पर बच्चों को नए सत्र यानी जुलाई से उनकी पसंद का खाना देने के लिए नया मेन्यू कार्ड जारी कर दिया जाएगा।
बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों और माध्यमिक शिक्षा परिषद के संबद्ध प्राइमरी स्कूलों में बच्चों को मिड-डे-मील योजना के तहत खाना देने की व्यवस्था है। इस योजना को चलाने में केंद्र सहयोग देती है। नए सत्र से बच्चों को 234 के बजाय 245 दिन खाना दिया जाएगा। सूबे में प्राइमरी स्कूल के 89 लाख तथा उच्च प्राइमरी के 34 लाख बच्चों को योजना के तहत खाना दिया जा रहा है। केंद्र सरकार ने इसके लिए 1265 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।
मध्याह्न भोजन प्राधिकरण चाहता है कि बच्चों को अच्छा और उनकी पसंद का खाना दिया जाए। वर्तमान में दिन के आधार पर खाने का मेन्यू निर्धारित है। इससे शिकायतें मिलती रहती हैं कि बच्चे मन से खाना नहीं खाते हैं। इसे देखते हुए ही आईआईएम से सर्वे कराया जा रहा है। (साभार-:-अमर उजाला)


विद्यालयों में अब बच्चों की पसंद का मिड-डे-मील Reviewed by Brijesh Shrivastava on 6:32 AM Rating: 5

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