72,825 शिक्षकों की भर्ती पर फिलहाल रोक

  • नियमों के बदलाव पर सरकार से जवाब तलब
  • सरकार नहीं पेश कर सकी जवाब
  • पहले से लगी है रोक
लखनऊ । हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने सूबे में प्राथमिक शिक्षकों के 72,825 पदों पर भर्ती पर फिलहाल रोक लगा दी है। न्यायमूर्ति सत्येंद्र सिंह चौहान ने बुधवार को यह अंतरिम आदेश अरविंद कुमार सिंह समेत 51 अभ्यर्थियों की लंबित रिट पर दिया।
इस मामले में कोर्ट ने एक अक्टूबर 2012 को राज्य सरकार को 10 दिन में जबाबी हलफनामा दाखिल करने का आखिरी मौका दिया था जो अब तक नहीं दाखिल किया गया । सरकारी वकील ने जबाब दाखिल करने को कुछ और समय दिए जाने का आग्रह किया। इस पर अदालत ने मामले की अगली सुनवाई जुलाई के दूसरे हफ्ते में नियत की है। अदालत ने अपेक्षा की है कि अगली सुनवाई की तारीख तक ये रिक्तियां नहीं भरी जाएंगी।
  • नियमों के बदलाव पर सरकार से जवाब तलब
लखनऊ । 72,825 प्राथमिक शिक्षकों भर्ती प्रक्रिया के सरकार बदलने के साथ ही निरस्त करने व संबंधित नियमों के बदले जाने को लेकर याचियों की तरफ से उठाए सवाल पर सरकार से जवाब तलब किया है। न्यायमूर्ति सत्येंद्र सिंह चौहान ने सरकारी वकील को इसका जवाब अगली तारीख पर देंगे।
बसपा सरकार के दौरान इन 72,825 प्राथमिक शिक्षकों के पद भरने की प्रक्रिया शुरू हुई थी। निर्धारित शैक्षिक योग्यता के साथ टीईटी को अनिवार्य किया गया था। सपा सरकार ने 31 अगस्त 2012 को इन पदों की चयन प्रक्रिया बदल पहले के आवेदन व विज्ञप्ति को निरस्त कर दिया। याचियों के वकील गंगा सिंह के मुताबिक इस मामले में जबाब दाखिल करने को सरकार को आखिरी मौका तक दिया गया लेकिन जबाब दाखिल नहीं किया गया। याचियों ने 31 अगस्त 2012 के आदेश को हाईकोर्ट में रिट दायर कर चुनौती दी और इसे रद्द किए जाने का आग्रह किया। दलील दी गई कि भर्ती प्रक्रिया को अचानक सरकार बदलने पर निरस्त नहीं किया जा सकता और संबंधित नियमों को नहीं बदला जा सकता है। अदालत ने कहा कि सरकारी वकील इस बहस का जवाब अगली तारीख पर देंगे।
 
  • पहले से लगी है रोक 
शिक्षक भर्ती के एक अन्य मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पहले से रोक लगाई हुई है। हाईकोर्ट की वृहद पीठ ने 17 अप्रैल को ही इस मामले की सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रखा है।
नए सत्र में भी रहेगी शिक्षकों की कमी
  • 19 माह से लटक रही है 72,825 शिक्षकों की भर्ती
लखनऊ । बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में नए सत्र यानी जुलाई में भी शिक्षकों की कमी बनी रहेगी। अफसरों की लापरवाही के चलते पिछले 19 माह से 72,825 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया लटकी चली आ रही है। हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ द्वारा बुधवार को पुन: भर्ती प्रक्रिया पर रोक यह साबित करती है कि अफसर खुद नहीं चाहते की भर्ती प्रक्रिया पूरी हो सके।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद छात्र-शिक्षक अनुपात में बदलाव कर दिया गया है। इसके मुताबिक प्राइमरी स्कूलों में 30 बच्चों पर एक शिक्षक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में 35 बच्चों पर एक शिक्षक रखने की व्यवस्था है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने शिक्षक भर्ती के लिए टीईटी पास करना अनिवार्य कर दिया है। उत्तर प्रदेश में पहली बार नवंबर 2011 में टीईटी आयोजित की गई। तत्कालीन बसपा सरकार ने उस समय 72,825 शिक्षकों की भर्ती टीईटी मेरिट के आधार पर कराने का निर्णय किया। भर्ती के लिए आवेदन भी लिए गए, लेकिन भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई।
प्रदेश में सत्ता बदलने के बाद शिक्षक भर्ती का मानक बदल दिया गया। टीईटी मेरिट के आधार पर शैक्षिक मेरिट के आधार पर भर्ती का निर्णय किया गया। इसके आधार पर 5 दिसंबर 2012 को शिक्षक भर्ती के लिए दुबारा शासनादेश जारी करते हुए 7 दिसंबर से प्रक्रिया शुरू कर 31 मार्च 2013 तक पूरी करने का आदेश हुआ। शिक्षक भर्ती के लिए 69 लाख आवेदन आए। काउंसलिंग 4 फरवरी से शुरू हुई, लेकिन इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भर्ती प्रक्रिया रोक दी। तब से यह प्रक्रिया रुकी हुई है। ऐसे में नए सत्र में भी शिक्षकों की कमी बनी रहेगी। (साभार-:-अमरउजाला)
72,825 शिक्षकों की भर्ती पर फिलहाल रोक Reviewed by Brijesh Shrivastava on 6:18 AM Rating: 5

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