उच्च न्यायालय पर टिकीं रहीं शिक्षा मित्रों की नजरें, सहायक अध्यापक पद पर समायोजन मामले की सुनवाई शुरू, तीन सदस्यीय पूर्ण पीठ के सामने पहुंचीं याचिकाएं
- उच्च न्यायालय पर टिकीं रहीं शिक्षा मित्रों की नजरें
- शुरू हुई सहायक अध्यापक पद पर समायोजन मामले की सुनवाई
- तीन सदस्यीय पूर्ण पीठ के सामने पहुंचीं याचिकाएं
प्रदेश में लगभग एक लाख पचहत्तर हजार शिक्षामित्रों के सहायक अध्यापक पद पर समायोजन के सरकारी निर्णय की वैधता के खिलाफ याचिकाओं की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश डॉ. डी.वाई. चन्द्रचूड़, न्यायमूर्ति दिलीप गुप्ता तथा न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की पूर्णपीठ कर रही है। सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षामित्रों के समायोजन मामले में हाईकोर्ट को सभी लंबित याचिकाओं पर अन्तिम निर्णय लेने को कहा था। जिस पर यह पूर्णपीठ सुनवाई कर रही है।
शिवम राजन सहित दर्जनों याचिकाओं की शुक्रवार को सुनवाई शुरू हुई। सात सितंबर को भी सुनवाई जारी रहेगी। राज्य सरकार ने स्नातक शिक्षामित्रों को प्रशिक्षण देकर प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक नियुक्त करने की योजना तैयार की। कई शिक्षामित्र टीईटी पास है तो कई शिक्षामित्र अभी भी टीईटी परीक्षा पास नहीं कर सके हैं। तीन जजों की पूर्णपीठ के समक्ष मुद्दा है कि क्या बिना टीईटी पास शिक्षामित्रों को प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक के रूप में नियुक्त किया जा सकता है। यह भी सवाल है कि बिना खुली प्रतियोगिता या समान अवसर देकर सामान्य मेरिट पर चयनित किये बगैर ग्राम के ही लोगों को शिक्षामित्र से क्या नियमित अध्यापक बनाया जा सकता है।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर शुक्रवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश में शिक्षा मित्रों के सहायक अध्यापक पद पर समायोजन मामले की सुनवाई शुरू कर दी। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति दिलीप गुप्ता तथा न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की पूर्ण पीठ के सामने दर्जनों याचिकाएं रखी गई हैं। सुनवाई सात को जारी रहेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट में विचाराधीन याचिकाओं पर अंतिम निर्णय लेने को कहा था जिस पर यह पूर्ण पीठ सुनवाई कर रही है। शिवम राजन सहित दर्जनों याचिकाओं की शुक्रवार को सुनवाई शुरू हुई। अदालत के समक्ष सवाल है कि बिना खुली प्रतियोगिता या समान अवसर देकर सामान्य मेरिट पर चयनित किए बगैर लोगों को शिक्षा मित्र बनाया गया। क्या ऐसे लोगों को नियमित अध्यापक बनाया जा सकता है। कई शिक्षा मित्र टीईटी पास हैं तो कई नहीं। ऐसे शिक्षा मित्र जो टीईटी पास नहीं हैं, क्या उन्हें सहा. अध्यापक नियुक्त किया जा सकता है। राज्य ने स्नातक शिक्षा मित्रों को प्रशिक्षण देकर प्रावि में सहायक अध्यापक नियुक्त करने की योजना तैयार की है।
खबर साभार : दैनिक जागरण
इलाहाबाद(ब्यूरो)।
करीब सवा लाख शिक्षा मित्रों को सहायक अध्यापक पद पर समायोजित करने की
प्रदेश सरकार की नीति के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर हाईकोर्ट की विशेष नामित
पीठ ने सुनवाई प्रारंभ कर दी है। शुक्रवार को मुख्य न्यायमूर्ति डीवाई
चंद्रचूड की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ ने इस मामले पर सुनवाई प्रारंभ
की। शिक्षा मित्रों को सहायक अध्यापक पद पर समायोजित करने पर रोक लगाते
हुए सुप्रीमकोर्ट ने इस प्रकरण का अंतिम रूप से निस्तारण करने का हाईकोर्ट
को निर्देश दिया है।
शिवम् राजन सहित इस
मामले में दाखिल सैकड़ों याचिकाओं के बंच पर तीन सदस्यीय न्यायपीठ सभी
पहलुओं पर सुनवाई करेगी। याचिकाओं में मुख्य विवाद शिक्षा मित्रों को सहायक
अध्यापक बनाने के लिए बेसिक शिक्षा सेवा नियमावली में किया गया संशोधन है।
याचिकाओं मेें संशोधन की वैधानिकता को चुनौती दी गई है। प्रदेश सरकार ने
संशोधन के जरिए शिक्षा मित्रों को बिना टीईटी उत्तीर्ण किए सहायक अध्यापक
के पद पर समायोजित कर लिया। यह प्रक्रिया अभी जारी थी तभी सुप्रीमकोर्ट ने
आगे की कार्यवाही पर रोक लगा दी।
पूर्णपीठ
के समक्ष प्रश्न है कि क्या बिना टीईटी उत्तीर्ण किए बिना शिक्षा मित्रों
को सहायक अध्यापक बनाना उचित है जबकि एनसीटीई ने इसे सहायक अध्यापक पद चयन
के लिए अनिवार्य अर्हता बनाया है। हाईकोर्ट की पूर्णपीठ के फैसले में टीईटी
की अर्हता को अनिवार्य माना है। बेसिक शिक्षा सेवा नियमावली में संशोधन की
वैधता पर भी सुनवाई होगी। सुनवाई सोमवार सात सितंबर को भी जारी रहेगी।
याचिका पर मुख्य न्यायमूर्ति के अलावा न्यायमूर्ति दिलीप गुप्ता और
न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा सुनवाई कर रहे हैं।
साभार : अमर उजाला |
उच्च न्यायालय पर टिकीं रहीं शिक्षा मित्रों की नजरें, सहायक अध्यापक पद पर समायोजन मामले की सुनवाई शुरू, तीन सदस्यीय पूर्ण पीठ के सामने पहुंचीं याचिकाएं
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
9:09 AM
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