65 हजार परिषदीय स्कूलों को बिजली से जगमगाने की योजना,  विद्यालय की मेंटेनेंस ग्रांट व स्कूल ग्रांट को तीन गुना करने का इरादा 

लखनऊ : (एसएसए) के तहत चालू वित्तीय वर्ष के लिए तैयार की गई 22613.76 करोड़ रुपये की कार्ययोजना को शुक्रवार को मुख्य सचिव आलोक रंजन की अध्यक्षता में गठित एसएसए की कार्यकारिणी समिति ने मंजूरी दे दी है। इस कार्ययोजना में बिजली की सुविधा से वंचित प्रदेश के 65042 परिषदीय विद्यालयों के विद्युतीकरण का प्रस्ताव है। इन स्कूलों के विद्युतीकरण पर प्रति विद्यालय 30488 रुपये की दर से कुल 198.3 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना है।



मेंटेनेंस व स्कूल ग्रांट तीन गुनी:

परिषदीय स्कूलों में रंगाई, पुताई व मरम्मत के लिए प्रत्येक विद्यालय की मेंटेनेंस ग्रांट व स्कूल ग्रांट को तीन गुना करने का इरादा जताया गया है। प्रत्येक परिषदीय स्कूल की मेंटेनेंस ग्रांट को सालाना 7500 रुपये से बढ़ाकर 22500 रुपये करने का प्रस्ताव है। हर प्राथमिक विद्यालय की स्कूल ग्रांट को 5000 रुपये से बढ़ाकर 15000 रुपये और उच्च प्राथमिक स्कूल की स्कूल ग्रांट को 7000 रुपये से 21000 रुपये करने की मंशा जतायी गई है। 


केजीबीवी में अतिरिक्त क्लासरूम, गार्ड रूम और मरम्मत कार्यो के लिए 42.48 करोड़ रुपये आवंटित किये गए हैं। 


नए स्कूल, अतिरिक्त क्लासरूम : 

कार्ययोजना में चालू वित्तीय वर्ष में प्रदेश में 1652 नए प्राथमिक स्कूल और 201 जूनियर हाईस्कूल स्थापित करने की मंशा है। पहले से संचालित परिषदीय स्कूलों में 6543 अतिरिक्त क्लासरूम और सुरक्षा के उद्देश्य से 35417 विद्यालयों में चहारदीवारी बनाने की योजना है जिसमें 22883 प्राथमिक स्कूल और 12534 उच्च प्राथमिक विद्यालय हैं। 


बीस हजार स्कूलों में शौचालय: 

प्रदेश के 10466 शौचालयविहीन परिषदीय विद्यालयों में बालकों और 9277 स्कूलों में बालिकाओं के लिए शौचालय बनाने का प्रस्ताव है। विशिष्ट आवश्यकता वाले बच्चों के लिए 786 स्कूलों में शौचालय सुलभ होंगे। पेयजल से वंचित 2310 स्कूलों में हैंडपंप लगाने की योजना है। 



वार्षिक कार्ययोजना में 17335 करोड़ रुपये की मोटी रकम शिक्षकों/शिक्षामित्रों के वेतन/मानदेय पर खर्च करने का प्रस्ताव है। निर्माण कार्यों पर कुल 2241 करोड़ रुपये खर्च करने की मंशा है। इस कार्ययोजना को 21 अप्रैल को नई दिल्ली में होने वाली के प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड बैठक में स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा। 



यूनीफॉर्म और किताबें भी: 

परिषदीय स्कूलों के बच्चों को दो सेट निश्शुल्क यूनीफॉर्म मुहैया कराने के लिए वार्षिक कार्ययोजना में 696.1 करोड़ रुपये और पाठ्यपुस्तकों के लिए 239 करोड़ रुपये आवंटित किये गए हैं। स्वच्छ विद्यालय अभियान के तहत विद्यालयों में शौचालयों की मरम्मत, इंसीनरेटर और मल्टिपल हैंडवाश के लिए 127.19 करोड़ रुपये आवंटित किये गए हैं। 


बेघर बच्चों को उच्च प्राथमिक स्तर की शिक्षा देने के लिए आठ जिलों में पहले से बने जूनियर हाईस्कूलों को अगले वित्तीय वर्ष में आवासीय विद्यालयों में तब्दील करने का प्रस्ताव है। यह आवासीय विद्यालय अलीगढ़, बलिया, बिजनौर, गाजियाबाद, कानपुर नगर, लखनऊ, मुजफ्फरनगर और शामली में बनाने की योजना है। विशेष जरूरत वाले बच्चों के लिए आगरा में दो आवासीय विद्यालय के संचालन का प्रस्ताव है।



स्कूल से छूटे बच्चों को चिह्न्ति करने के लिए वर्ष 2016-17 में सात बड़े शहरों-आगरा, इलाहाबाद, गाजियाबाद, कानुपर नगर, मेरठ, लखनऊ, वाराणसी में बाहरी स्नोतों से मदद ली जाएगी। इसके लिए इन सातों जिलों में से प्रत्येक के लिए 50 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है। स्कूल से छूटे छह से 10 वर्ष तक के बच्चों के लिए प्राथमिक स्कूलों में 931 और 11 से 14 वर्ष तक के बच्चांे के लिए उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 759 विशेष प्रशिक्षण केंद्र प्रस्तावित किये गए हैं।

65 हजार परिषदीय स्कूलों को बिजली से जगमगाने की योजना,  विद्यालय की मेंटेनेंस ग्रांट व स्कूल ग्रांट को तीन गुना करने का इरादा  Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी on 6:33 AM Rating: 5

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