निशक्तों की तर्ज पर गरीबी रेखा के नीचे (बीपीएल) जीवन
यापन करने वाले परिवार के बच्चों को भी शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में
बगैर शुल्क बैठने की अनुमति देने की तैयारी है। आला अफसरों की बैठक में इस
पर सहमति बन गई है, लेकिन अंतिम निर्णय बेसिक शिक्षा मंत्री रामगोविंद
चौधरी करेंगे।
बेसिक शिक्षा विभाग चाहता है कि फरवरी में टीईटी आयोजित
करा ली जाए जिससे बीएड डिग्री धारकों के साथ बीटीसी की ट्रेनिंग प्राप्त
करने वाले 15 हजार से अधिक अभ्यर्थी भी इसमें शामिल हो सकें।टीईटी के लिए
जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी बनाई जाएगी। राज्यस्तर पर प्रमुख सचिव
बेसिक शिक्षा की अध्यक्षता में कमेटी होगी। परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले को
प्रमाण पत्र दिया जाएगा, जो पांच साल के लिए मान्य होगा।
टीईटी में
शामिल होने के लिए स्नातक में 50 फीसदी अंक होना अनिवार्य होगा। आरक्षित
वर्ग तथा निशक्त व स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आश्रितों को 5 प्रतिशत अंक की
छूट मिलेगी। सामान्य व पिछड़ा वर्ग के लिए आवेदन शुल्क 400 और एससी, एसटी
के लिए 200 रुपये होगा। निशक्तों के लिए पूर्व की तरह आवेदन मुफ्त होगा।
परीक्षा डेढ़ घंटे की होगी। इसमें 150 बहुविकल्पीय प्रश्न होंगे। निगेटिव
मार्किंग नहीं होगी। 60 फीसदी अंक पाने वाला पास होगा। अनुसूचित जाति,
जनजाति व निशक्तों को 55 फीसदी अंक पाने पर उत्तीर्ण माना जाएगा।
(अमर उजाला)
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