निदेशक बनने के मानक बदलेंगे ,नियमों में दी जाएगी छूट

  • अपर शिक्षा निदेशक पद पर ढाई साल रहने की अनिवार्यता होगी खत्म
  • चहेते को निदेशक बनाने के लिए बदलेगा मानक
लखनऊ। राज्य सरकार एक शिक्षाधिकारी को उपकृत करना चाहती है। उसे किसी भी हालत में शिक्षा निदेशक बनाया जाना है। पहले उक्त अधिकारी के खिलाफ चल रही जांच को आनन-फानन में समाप्त किया गया और सरकार अब उसे विभाग के सबसे उच्च पद पर बैठाने के लिए पदोन्नति देना चाहती है। इसके लिए अपर शिक्षा निदेशक के पद पर ढाई साल तक कार्य करने के अनुभव की अनिवार्यता समाप्त करने की तैयारी है। इसके लिए उच्चाधिकारियों की बैठक में सहमति बन गई है और अब इसे कैबिनेट से मंजूर कराने की तैयारी है।
शिक्षा विभाग में निदेशक स्तर के पांच पद हैं। माध्यमिक शिक्षा परिषद, बेसिक शिक्षा परिषद, राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद, साक्षरता निदेशक तथा शासन में विशेष सचिव का एक पद है। इसके अलावा अपर निदेशक के 13, संयुक्त निदेशक के 23 और उप निदेशक के 90 पद हैं, लेकिन वर्तमान में निदेशक स्तर का कोई भी अधिकारी नहीं है। अपर निदेशक पद पर पांच अधिकारियों महेंद्र सिंह, वासुदेव यादव, सर्वेन्द्र विक्रम सिंह, अवध नरेश शर्मा और अमर नाथ वर्मा को 22 अक्तूबर 2012 को पदोन्नति दी गई है। संयुक्त निदेशक के पद पर 13 अधिकारियों उपेंद्र कुमार, इंद्रपाल शर्मा, दिनेश बाबू शर्मा, विनय कुमार पांडेय, शुभ्र ज्योत्सना त्रिपाठी, रमेश शर्मा, मीना शर्मा, आशा तोमर, मुमताज जहां, शकुंतला देवी यादव, उत्तम गुलाटी, शैल यादव और ममता रानी श्रीवास्तव को 31 अक्तूबर 2012 को पदोन्नति दी गई है।
कार्मिक विभाग की नियमावली के मुताबिक निदेशक बनने के लिए अपर शिक्षा निदेशक के पद पर ढाई साल का कार्य अनुभव चाहिए। शिक्षा विभाग में निदेशक पदों का काम कार्यवाहक के सहारे चलाया जा रहा है। वासुदेव यादव बेसिक और माध्यमिक शिक्षा तथा महेंद्र सिंह राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के कार्यवाहक निदेशक हैं। महेंद्र सिंह इसी 31 दिसंबर को रिटायर हो रहे हैं। राज्य सरकार जिसे निदेशक बनाना चाहती है वह मार्च 2014 में रिटायर हो रहा है।
कार्मिक विभाग की नियमावली के आधार पर यदि पदोन्नति दी गई तो चहेता अफसर रिटायर हो जाएगा, क्योंकि नियमावली के मुताबिक 22 अक्तूबर 2012 को पदोन्नति पाने वाले अफसर अप्रैल 2015 में ही निदेशक बन सकते हैं।
कार्मिक विभाग की नियमावली में यह भी व्यवस्था है कि राज्य सरकार चाहे तो कार्य अनुभव में छूट दे सकती है। इसी आधार पर अपर शिक्षा निदेशक के पद पर ढाई साल तक रहने के कार्य अनुभव में छूट देने के लिए कैबिनेट से मंजूरी की तैयारी है। सूत्रों का कहना है कि आरोप-प्रत्यारोप से बचने के लिए अपर निदेशक के पद पर पदोन्नति देने के अनुभव में भी छूट देने की योजना है, ताकि न्यायालय में मामला फंसने पर कहा जा सके कि अफसरों की कमी थी, इसलिए नियमों में छूट दी गई है।
(साभार-अमर उजाला )
निदेशक बनने के मानक बदलेंगे ,नियमों में दी जाएगी छूट Reviewed by Brijesh Shrivastava on 8:01 AM Rating: 5

2 comments:

Anonymous said...

Vivadit person ko imp. Post de Kar sarkar kya dikhana chahati hai.

Anonymous said...

सरकार कब ईमानदार थी, उन्हेँ येन केन प्रकारेण अपना तथा अपने परिवार का ही भला करना है।

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