कर्मचारी और शिक्षक करेंगे अंशदायी पेंशन योजना का विरोध
- अंशदायी पेंशन योजना का विरोध तेज
- कर्मचारी-शिक्षक समन्वय समिति करेगा आंदोलन
- आंदोलन की तैयारी को 9 फरवरी को लखनऊ में होगा सम्मेलन
लखनऊ।
कर्मचारी और शिक्षक संगठनों के साझा मंच कर्मचारी-शिक्षक समन्वय समिति के
नेताओं ने
अंशदायी पेंशन योजना के खिलाफ आरपार के संघर्ष का ऐलान किया है। नेताओं ने कहा कि कर्मचारी या
शिक्षक अपनी गाढ़ी कमाई का बड़ा हिस्सा शेयर बाजार में लगाने की अनुमति सरकार को किसी भी स्थिति में
नहीं देंगे। आंदोलन की तैयारी के लिए 9 फरवरी को लखनऊ में कर्मचारियों व शिक्षकों का बड़ा सम्मेलन बुलाकर इस लड़ाई का तौर-तरीका तय किया जाएगा। नेताओं ने बताया कि समिति ने केंद्र सरकार की आर्थिक
नीतियों और अंशदायी पेंशन योजना के खिलाफ 20 व 21 फरवरी को दो दिवसीय राष्ट्रीय हड़ताल के समर्थन
का भी फैसला किया है। हड़ताल का आह्वान केंद्रीय कर्मचारी फेडरेशन, अखिल भारतीय राज्य कर्मचारी
फेडरेशन एवं केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने किया है।
अंशदायी पेंशन योजना के खिलाफ आरपार के संघर्ष का ऐलान किया है। नेताओं ने कहा कि कर्मचारी या
शिक्षक अपनी गाढ़ी कमाई का बड़ा हिस्सा शेयर बाजार में लगाने की अनुमति सरकार को किसी भी स्थिति में
नहीं देंगे। आंदोलन की तैयारी के लिए 9 फरवरी को लखनऊ में कर्मचारियों व शिक्षकों का बड़ा सम्मेलन बुलाकर इस लड़ाई का तौर-तरीका तय किया जाएगा। नेताओं ने बताया कि समिति ने केंद्र सरकार की आर्थिक
नीतियों और अंशदायी पेंशन योजना के खिलाफ 20 व 21 फरवरी को दो दिवसीय राष्ट्रीय हड़ताल के समर्थन
का भी फैसला किया है। हड़ताल का आह्वान केंद्रीय कर्मचारी फेडरेशन, अखिल भारतीय राज्य कर्मचारी
फेडरेशन एवं केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने किया है।
समिति
के नेता ओमप्रकाश शर्मा, लल्लन पांडेय, अमरनाथ यादव, लल्लन मिश्र और बीएल
कुशवाहा रविवार
को यहां पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। शिक्षक-कर्मचारी नेताओं ने अंशदायी पेंशन योजना की आलोचना की
और इसे डी एस नकारा केस में 17 दिसंबर 82 को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए फैसले के विरुद्ध बताया।
यह भी बताया कि देश के मुख्य न्यायाधीश वाई पी चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में पांच न्यायाधीशों ने भी पेंशन को
कर्मचारियों का अधिकार बताया है।
को यहां पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। शिक्षक-कर्मचारी नेताओं ने अंशदायी पेंशन योजना की आलोचना की
और इसे डी एस नकारा केस में 17 दिसंबर 82 को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए फैसले के विरुद्ध बताया।
यह भी बताया कि देश के मुख्य न्यायाधीश वाई पी चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में पांच न्यायाधीशों ने भी पेंशन को
कर्मचारियों का अधिकार बताया है।
समिति
के नेताओं ने कहा कि केंद्र में वर्ष 2004 एवं राज्य में 2005 से नियुक्त कर्मचारियों के वेतन और ग्रेड वेतन के योग का 10 प्रतिशत अनिवार्य रूप से
कटौती करके उसे शेयर बाजार में लगाया जा रहा है। भविष्य में
अवकाश ग्रहण करने वाले कर्मचारियों व शिक्षकों को पेंशन की गारंटी देने को सरकारें तैयार नहीं हैं।
अवकाश ग्रहण करने वाले कर्मचारियों व शिक्षकों को पेंशन की गारंटी देने को सरकारें तैयार नहीं हैं।
(साभार-अमर उजाला)
कर्मचारी और शिक्षक करेंगे अंशदायी पेंशन योजना का विरोध
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
8:04 AM
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1 comment:
Ham logo ko yaad kiya gaya.thanks
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