निजी स्कूल के शिक्षक भी शिक्षा मित्रों की तर्ज पर पाएंगे दो वर्षीय प्रशिक्षण
• निजी स्कूल के शिक्षक भी पाएंगे प्रशिक्षण
• परीक्षा उत्तीर्ण करने वालों को बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से प्रमाण पत्र दिया जाएगा
• परीक्षा उत्तीर्ण करने वालों को बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से प्रमाण पत्र दिया जाएगा
• प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती का संशोधित शासनादेश जारी
• शिक्षा मित्रों की तर्ज पर होगा दो वर्षीय प्रशिक्षण
• एससीईआरटी ने शासन को भेजा प्रस्ताव
लखनऊ। राज्य सरकार निजी स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों को भी बीटीसी की तर्ज पर दो वर्षीय प्रशिक्षण देने जा रही है। इन शिक्षकों को शिक्षा मित्रों के लिए तैयार किए गए प्रारूप के आधार पर ही प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसे चार सेमेस्टर में बांटा गया है। प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद परीक्षा उत्तीर्ण करने वालों को बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से प्रमाण पत्र दिया जाएगा। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने इस संबंध में शासन को प्रस्ताव भेज दिया है। इस पर जल्द ही निर्णय किए जाने के बाद शासनादेश जारी कर दिया जाएगा।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद कक्षा आठ तक के स्कूलों में ट्रेंड शिक्षक रखने की अनिवार्यता कर दी गई है। बेसिक शिक्षा परिषद के सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में तो ट्रेंड शिक्षक रखने की व्यवस्था है लेकिन परिषद से मान्यता प्राप्त स्कूलों में इसकी अनिवार्यता नहीं थी। इसके चलते मान्यता प्राप्त स्कूलों में केवल स्नातक करने वालों को भी शिक्षक रख लिया गया है। प्रदेश में मौजूदा समय बेसिक शिक्षा परिषद से मान्यता प्राप्त 11 हजार 500 स्कूल हैं। राज्य सरकार चाहती है कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम के मुताबिक, इन स्कूलों के भी शिक्षकों को ट्रेनिंग दे दी जाए। इसके आधार पर एससीईआरटी ने प्रस्ताव भेज दिया है।
• शिक्षा मित्रों की तर्ज पर होगा दो वर्षीय प्रशिक्षण
• एससीईआरटी ने शासन को भेजा प्रस्ताव
लखनऊ। राज्य सरकार निजी स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों को भी बीटीसी की तर्ज पर दो वर्षीय प्रशिक्षण देने जा रही है। इन शिक्षकों को शिक्षा मित्रों के लिए तैयार किए गए प्रारूप के आधार पर ही प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसे चार सेमेस्टर में बांटा गया है। प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद परीक्षा उत्तीर्ण करने वालों को बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से प्रमाण पत्र दिया जाएगा। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने इस संबंध में शासन को प्रस्ताव भेज दिया है। इस पर जल्द ही निर्णय किए जाने के बाद शासनादेश जारी कर दिया जाएगा।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद कक्षा आठ तक के स्कूलों में ट्रेंड शिक्षक रखने की अनिवार्यता कर दी गई है। बेसिक शिक्षा परिषद के सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में तो ट्रेंड शिक्षक रखने की व्यवस्था है लेकिन परिषद से मान्यता प्राप्त स्कूलों में इसकी अनिवार्यता नहीं थी। इसके चलते मान्यता प्राप्त स्कूलों में केवल स्नातक करने वालों को भी शिक्षक रख लिया गया है। प्रदेश में मौजूदा समय बेसिक शिक्षा परिषद से मान्यता प्राप्त 11 हजार 500 स्कूल हैं। राज्य सरकार चाहती है कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम के मुताबिक, इन स्कूलों के भी शिक्षकों को ट्रेनिंग दे दी जाए। इसके आधार पर एससीईआरटी ने प्रस्ताव भेज दिया है।
इसके मुताबिक, निजी स्कूलों के शिक्षकों को दो वर्षीय डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन (डीईई) का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसे चार सेमेस्टर में बांटा गया है। प्रत्येक छह माह का एक सेमेस्टर होगा। इसमें कुल 120 कार्य दिवस होंगे। इसमें एकेडमिक काउंसलिंग छह दिन, वर्कशाप छह दिन, लिखित विषय के लिए तैयारी 40 दिन, सत्रीय कार्य 10 दिन, पाठ योजना निर्माण एवं शिक्षण कार्य 30 दिन, इंटर्नशिप 15 दिन और परीक्षा की तैयारी के लिए 13 दिन का समय होगा।
(साभार: अमर उजाला) |
पहले सेमेस्टर में वर्तमान भारतीय समाज, प्रारंभिक शिक्षा तथा बाल मनोविज्ञान, दूसरे सेमेस्टर में शिक्षण अधिगमन के सिद्धांत व प्रारंभिक शिक्षा की जानकारी, तीसरे सेमेस्टर में विशिष्ट आवश्यकता वाले बच्चों का शिक्षा-निर्देशन एवं परामर्श, शैक्षिक मूल्यांकन व विद्यालय शोध और चतुर्थ सेमेस्टर में शिक्षा में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी व शैक्षिक प्रबंधन और प्रशासन की जानकारी दी जाएगी।
निजी स्कूल के शिक्षक भी शिक्षा मित्रों की तर्ज पर पाएंगे दो वर्षीय प्रशिक्षण
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
7:55 AM
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