प्राइमरी से इंटर तक में फंसी 50 हजार शिक्षकों की भर्ती, कहीं कोर्ट में मामला तो कहीं शुरू ही नहीं हुईं भर्तियां, एडेड स्कूलों से लेकर उर्दू शिक्षकों की भर्ती भी अटकी
- प्राइमरी से इंटर तक में फंसी 50 हजार शिक्षकों की भर्ती
- कहीं कोर्ट में मामला तो कहीं शुरू ही नहीं हुईं भर्तियां
- एडेड स्कूलों में पूरी नहीं हो पा रही भर्ती प्रक्रिया
- गणित व विज्ञान शिक्षकों की भर्ती में पेच
- शिक्षा मित्रों का फंसा समायोजन
- उर्दू शिक्षकों की भर्ती भी अटकी
लखनऊ।
प्रदेश में प्राइमरी स्कूलों से लेकर इंटर कॉलेजों तक में 50 हजार से अधिक
शिक्षकों की भर्तियां फंसी हुई हैं। कहीं मामला कोर्ट में फंस गया है तो
कहीं विभागीय अधिकारी रुचि नहीं ले रहे हैं। इसके चलते आवेदक शासन से लेकर
निदेशालय तक के चक्कर लगा रहे हैं। शासन स्तर से इसमें अगर तेजी न आई तो
आवेदकों को पंचायत चुनाव खत्म होने तक इंतजार करना पड़ेगा।
अखिलेश
सरकार ने सत्ता में आने के तुरंत बाद प्राइमरी स्कूलों से लेकर इंटर
कॉलेजों तक में शिक्षकों की भर्ती की झड़ी लगा दी थी। शिक्षा मित्रों को दो
वर्षीय बीटीसी का प्रशिक्षण देकर शिक्षक बनाना हो या मोअल्लिम वालों को
प्राइमरी स्कूलों में उर्दू शिक्षक के पद पर नियुक्ति देना हो, इसको लेकर
खूब तेजी दिखाई गई। शिक्षा विभाग के अधिकारियों को कुछ मामलों में सफलता
हाथ लगी है, मगर काफी संख्या में शिक्षकों की नियुक्तियां फंसी हुई हैं।
माध्यमिक
शिक्षा परिषद से सहायता प्राप्त इंटर कॉलेजों में प्रधानाचार्य के 945 व
प्रवक्ता के 1,147 पदों पर भर्तियां होनी हैं। इसके लिए आवेदन लेने के बाद
भर्ती प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई, लेकिन कभी सदस्यों का कोरम पूरा न होने
तो कभी मामला हाईकोर्ट में जाने से भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही
है। मौजूदा समय राज्य सरकार द्वारा तीन सदस्यों की नियुक्ति का मामला
हाईकोर्ट में विचाराधीन है। जब तक वहां से मामले का निपटारा नहीं हो जाता,
सहायता प्राप्त इंटर कॉलेजों में शिक्षकों की भर्ती पूरी नहीं हो पाएगी।
उच्च
प्राइमरी स्कूलों में गणित व विज्ञान शिक्षक के 29,334 पदों पर भर्तियां
की जानी हैं। इसके लिए सात चरणों की काउंसलिंग प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।
इन शिक्षकों की भर्ती का मामला भी हाईकोर्ट चला गया था। हालांकि वहां मामला
निस्तारित हुआ तो टीईटी में बाद में 82 अंक पर पास घोषित होने वालों से
आवेदन का मामला फंस गया। अब इनसे 24 अगस्त तक आवेदन लिए जाने हैं। आवेदन की
प्रक्रिया पूरी होने पर ही इनके चयन का रास्ता साफ हो पाएगा।
सरकार
शिक्षा मित्रों को दो वर्षीय बीटीसी का प्रशिक्षण देकर सहायक अध्यापक के
पद पर समायोजित करना चाहती है। पहले चरण में 58,826 को समायोजित कर दिया
गया। दूसरे चरण में 91,104 को समायोजित किया जाना था, जिनमें से 77,000 ही
समायोजित हो पाए थे कि सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी। इसके चलते
14,104 शिक्षा मित्र शिक्षक नहीं बन पाए। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर
इलाहाबाद हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता में गठित पूर्ण पीठ 21
अगस्त को इस मामले की सुनवाई करेगी। जब तक इन मामलों का समाधान नहीं हो
जाता है, भर्ती प्रक्रिया रुकी रहेगी।
अखिलेश
सरकार प्राइमरी स्कूलों में उर्दू की पढ़ाई के लिए मोअल्लिम वालों को
उर्दू शिक्षक बना रही है। पूर्व में शुरू हुई भर्ती प्रक्रिया में 1,931 पद
खाली रह गए। बेसिक शिक्षा विभाग ने हाल ही 3,500 शिक्षकों के नए पद और
सृजित करा लिए हैं। अब इन पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू होनी है, मगर बेसिक
शिक्षा विभाग में अधिकारियों की खींचतान के चलते भर्ती प्रक्रिया शुरू
नहीं हो पाई है।
खबर साभार : अमर उजाला
प्राइमरी से इंटर तक में फंसी 50 हजार शिक्षकों की भर्ती, कहीं कोर्ट में मामला तो कहीं शुरू ही नहीं हुईं भर्तियां, एडेड स्कूलों से लेकर उर्दू शिक्षकों की भर्ती भी अटकी
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
6:42 AM
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