10 दिनों में दिलाना होगा प्रवेश,निजी स्कूलों में दाखिला प्रकरण : बेसिक शिक्षा परिषद NEWS
- अगले शैक्षिक सत्र से लागू होगी व्यवस्था
- तथ्य छिपाकर शुल्क प्रतिपूर्ति हासिल करने वाले स्कूल की मान्यता होगी रद
जागरण ब्यूरो, लखनऊ : नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत निजी स्कूलों की पहली कक्षा की 25 फीसद सीटों पर पड़ोस के ‘अलाभित समूह’ और ‘दुर्बल वर्ग’ के बच्चों को दाखिला देने की व्यवस्था शैक्षिक सत्र 2012-13 से लागू की जाएगी। निजी स्कूलों में दाखिले के लिए आवेदन करने पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) को 10 कार्यदिवसों में बच्चे को दाखिला दिलाना होगा।छह से 14 वर्ष तक के ‘अलाभित समूह’ और ‘दुर्बल आय’ वर्ग के बच्चों को पड़ोस के निजी स्कूलों में दाखिला दिलाने के संबंध में शासनादेश जारी कर दिया गया है। शासनादेश के मुताबिक अलाभित समूह और दुर्बल आय वर्ग के छह से 14 वर्ष तक के सभी बच्चों को पड़ोस के राजकीय/परिषदीय या सहायताप्राप्त स्कूल में दाखिले का अधिकार होगा। बीएसए द्वारा यह पाये जाने पर कि इन श्रेणियों के बच्चों को पड़ोस के राजकीय/परिषदीय या सहायताप्राप्त स्कूल में सीटों के अभाव में दाखिला नहीं मिल पा रहा है तो ऐसे बच्चों को निजी असहायतित स्कूलों की कक्षा एक की 25 प्रतिशत सीटों पर प्रवेश पाने का अधिकार होगा। निजी स्कूलों में कक्षा एक की 25 प्रतिशत सीटों पर ‘दुर्बल आय’ वर्ग के उन बच्चों को दाखिले में वरीयता दी जाएगी जिनके माता-पिता या अभिभावक की वार्षिक आय 35,000 रुपये से कम होगी। इसके बाद बची हुई सीटों पर 35,000 रुपये से अधिक लेकिन एक लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले अभिभावकों के बच्चों को उनकी वार्षिक आय के आरोही क्रम में तैयार की गई सूची के अनुसार प्रवेश दिया जाएगा। अभिभावकों से इस बारे में प्रार्थना पत्र प्राप्त होने के बाद बीएसए पर अधिकतम 10 कार्य दिवसों में आदेश पारित करके ऐसे बच्चों को निजी स्कूलों में दाखिला दिलाने का दायित्व होगा। इस सिलसिले में बीएसए की ओर से पांच दिन में जिलाधिकारी के अनुमोदन के लिए प्रस्ताव पेश किया जाएगा। जिलाधिकारी को अधिकतम पांच दिनों में प्रकरण पर अंतिम निर्णय लेना होगा और बीएसए को इस बारे में अभिभावक को जानकारी देनी होगी। निजी स्कूलों में दाखिले के लिए आवेदन पत्र का प्रारूप बीएसए द्वारा समाचार पत्रों में विज्ञप्ति के माध्यम से प्रकाशित कराया जाएगा। आवेदन पत्र के साथ ‘अलाभित समूह’ की श्रेणी के लिए सक्षम अधिकारी द्वारा जारी जाति प्रमाणपत्र, ‘दुर्बल वर्ग’ श्रेणी के लिए वार्षिक आय प्रमाणपत्र, नि:शक्त/एचआइवी/कैंसर पीड़ित अभिभावकों के बच्चे के लिए चिकित्सा प्रमाणपत्र, निराश्रित बेघर बच्चे के लिए तहसीलदार का प्रमाणपत्र संलग्न करना जरूरी होगा। आवेदक को पड़ोस में रहने का प्रमाण देने के लिए साक्ष्य भी लगाना होगा। अलाभित समूह और दुर्बल वर्ग के बच्चों को दाखिला देकर पढ़ाने के एवज में राज्य सरकार निजी स्कूलों को अधिनियम में निर्धारित व्यवस्था के तहत शुल्क की प्रतिपूर्ति करेगी। यदि किसी स्कूल ने तथ्यों को छिपाकर या झूठे दावे के आधार पर शुल्क प्रतिपूर्ति हासिल की होगी तो उसकी मान्यता रद कर दी जाएगी। साथ ही, उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता के तहत सुसंगत कार्यवाही की जाएगी और दोषी को दोगुनी धनराशि सरकारी खजाने में जमा करनी होगी जिसे भू-राजस्व के बकाये की तरहवसूल किया जायेगा |
10 दिनों में दिलाना होगा प्रवेश,निजी स्कूलों में दाखिला प्रकरण : बेसिक शिक्षा परिषद NEWS
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
7:33 PM
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