पूरे हरदोई में प्रतिकूल प्रविष्टि की धमक : 831 प्रधानाध्यापक भी मिड-डे-मील के कारण चपेट में


मध्याह्न भोजन न बनवाने वाले प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों पर शिकंजा कस गया है। जिलाधिकारी ने 831 प्रधानाध्यापकों को प्रतिकूल प्रविष्टि जारी करने के निर्देश दिए हैं। मध्याह्न भोजन योजना के तहत बीते दिनों जिलाधिकारी ने अपने स्तर से अलग-अलग तारीखों में विभिन्न प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में भोजन बनने अथवा न बनने की जांच कराई थी। इस दौरान पता चला था कि 7 नवंबर को 289 विद्यालयों में, 9 नवंबर को 261 विद्यालयों में और 23 नवंबर को 281 विद्यालयों में मध्याह्न भोजन न बनने की पुष्टि हुई थी।

इस पर जिलाधिकारी अनिल कुमार ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी देवेंद्र स्वरूप से स्पष्टीकरण तलब किया था। मुख्य विकास अधिकारी के माध्यम से भेजे गए स्पष्टीकरण में बीएसए ने संबंधित विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को भोजन न बनवाने के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए उन सभी को प्रतिकूल प्रविष्टि देने की अनुमति मांगी थी। इस पर जिलाधिकारी ने शनिवार शाम अपनी सहमति जताते हुए पत्रावली मुख्य विकास अधिकारी के माध्यम से ही वापस जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को भेज दी।

कुल मिला कर लापरवाही करने वाले 831 प्रधानाध्यापकों को प्रतिकूल प्रविष्टि देने के निर्देश दिए गए हैं। एक साथ वृहद स्तर पर हुई इस कार्रवाई से शिक्षा महकमे में हड़कंप की स्थिति है। सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को चेतावनी मध्याह्न भोजन योजना के अंतर्गत 831 प्रधानाध्यापकों के साथ-साथ सभी खंड शिक्षा अधिकारियों पर भी कार्रवाई हो गई है। जिलाधिकारी ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को चेतावनी निर्गत करने के निर्देश जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को दिए हैं।


( खबर साभार : दैनिक जागरण ऑनलाइन पोर्टल )
पूरे हरदोई में प्रतिकूल प्रविष्टि की धमक : 831 प्रधानाध्यापक भी मिड-डे-मील के कारण चपेट में Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी on 10:07 PM Rating: 5

6 comments:

Brijesh Shrivastava said...
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Brijesh Shrivastava said...

बहुत बड़ी और चिन्ताजनक खबर ! जहाँ प्रधान दबंग हैं वो अपनी मर्जी से खाना बनवाते हैं पर वहाँ कार्यवाही प्रधानाध्यापक पर ही होगी....!

Pranjal Saxena said...

जाने कब ये सुनना को मिलेगा कि कोई शिक्षक ना पढ़ाने या सही ना पढ़ाने के कारण निलंबित हुआ ।

मित्रों सुनने में थोड़ा अजीब लगेगा पर सच तो ये है कि मुझे गर्व होता है ऐसे शिक्षकों पर जो कि 'ना पढ़ाने या सही ना पढ़ाने के कारण' नहीं अपितु अन्य कारणों जैसे कि बी0एल0ओ0 , मध्यान्ह भोजन , गणवेश वितरण या निर्माण कार्यों में निलंबित होते हैं ।
ये सिद्ध करता है कि आज भी शिक्षक मात्र पढ़ाने में ही पारंगत है (जो कि शिक्षक का मूल कार्य है) ना कि अन्य अंट - शंट कार्यों में । इसीलिये तो शिक्षक ऐसे कार्यों में बार-बार गलती कर देता है और निलंबित हो जाता है ।

हे ! योग्य अधिकारियों और नीति-नियंताओं-आँखों खोलो और शिक्षकों से केवल शिक्षित करने का ही काम लो । वो यही काम जानता है और इसी में अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन कर पायेगा ।

prashant gupta said...

Saxena ji MDM me teachers par karyawahi.
Yah bilkul samajh se pare h.
Saxsena ji MDM banwane ki jimedari teachers ki nahi gram Pradhan ki h.
Pata nahi itne teachers par karywahi ke baad kaise aap log chup baithe ho...
Prashant gupta
dc MDM mau

Bhoopendra Singh said...

प्रशांत जी यदि इस तरह का कोई आदेश (जो कि यह स्पष्ट करता हो कि एम0 डी0 एम0 बनवाने कि ज़िम्मेदारी प्रधान कि है) आपके पास हो तो कृपया पोस्ट करने का कष्ट करे तथा ईमेल करे bhupendra.lmp@gmail.com

prashant said...

Iske liye aap upmdm.org par contact kar sakte h sabhi g.o. uplabdh h

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