अधिकारी शिक्षकों पर कार्रवाई करने की बजाए उन्हें प्रेरित करें : रामगोविंद चौधरी (क्या वास्तव में ऐसा संभव है?)
बेसिक शिक्षामंत्री रामगोविंद चौधरी उवाच :
- अधिकारी, शिक्षकों-कर्मचारियों पर कार्रवाई करने की बजाए उन्हें प्रेरित करें
- दंड देकर कार्य कराना संभव नहीं
- खंड शिक्षाधिकारी निरीक्षण के समय शिक्षक के ना होने पर स्वयं प्रार्थना कराएं
- शिक्षकों पर क़ानून के डंडे के बजाय प्रेरणा का प्रयोग करें
देवरिया: बेसिक शिक्षामंत्री रामगोविंद चौधरी ने विभागीय अधिकारियों को परिषदीय विद्यालयों में पठन-पाठन का माहौल बनाने की नसीहत दी। उन्होंने कहा कि शिक्षक समय से स्कूल में जाएं व अधिकारी अपने दायित्वों का ईमानदारी से निर्वहन करें, तभी बच्चों को गुणवत्तायुक्त शिक्षा दी जा सकती है। उन्होंने व्यवस्था में सुधार न होने पर बीएसए को कड़ी फटकार भी लगाई।
श्री चौधरी रविवार को पीडब्लूडी डाक बंगले पर विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि अधिकारी, शिक्षकों-कर्मचारियों पर कार्रवाई करने की बजाए उन्हें प्रेरित करें। दंड देकर कार्य कराना संभव नहीं है।
उन्होंने कहा कि शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार के लिए सरकार सभी सुविधाएं मुहैया करा रही है। बावजूद इसके बच्चों का पलायन निजी कान्वेंट स्कूलों की तरफ हो रहा है। जबकि आज से 20 वर्ष पहले अभिभावक अपने पाल्यों का नामांकन सरकारी स्कूलों में कराने में रुचि दिखाते थे। यह तभी संभव होगा जब स्कूलों में पुन: पठन-पाठन की गुणवत्ता कायम होगी।
उन्होंने खंड शिक्षाधिकारियों को केंद्र में रखकर कहा कि स्कूलों का भ्रमण करने के दौरान यदि किसी विद्यालय में शिक्षक समय से मौजूद नहीं मिलता है तो वह स्वयं प्रार्थना कराकर बच्चों को पढ़ाना शुरू कर दें। इससे अपने आप शिक्षकों की गतिविधियों में सुधार हो जाएगा।
बैठक में जिला बेसिक शिक्षाधिकारी एमए अंसारी, सहायक वित्त व लेखाधिकारी वाचस्पति द्विवेदी, जिला समन्वयक प्रशिक्षण ओपी शर्मा, विशेष प्रशिक्षण ओपी प्रजापति, समेकित शिक्षा ज्ञानेंद्र सिंह सहित जनपद के समस्त खंड शिक्षाधिकारी मौजूद रहे।
(साभार : दैनिक जागरण पोर्टल ) |
अधिकारी शिक्षकों पर कार्रवाई करने की बजाए उन्हें प्रेरित करें : रामगोविंद चौधरी (क्या वास्तव में ऐसा संभव है?)
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
10:37 PM
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2 comments:
DIL KE KHUSH RAKHNE KO GHALIB YE KHAYAL ACHCHHA HAI....
बी.ई.ओ. अगर प्रार्थना करा लेँगे तो उनका उस क्षेत्र मे वसूली का काम रुक जायेगा , क्योकि उनका टारगेट गुणवत्ता नही वसूली भत्ता होता है ।
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